जवाहर लाल यूनिवर्सिटी अपनी रैंकिंग के साथ-साथ अपने आंदोलनों के लिए चर्चित रहती है. इसके नाम को बदलने की मांग भी एक धड़े द्वारा की जाती रही है. ये भी आशंका जताई जा रही थी कि जेएनयू में स्वामी विवेकानंद प्रतिमा का भव्य अनावरण करने वाली केंद्र सरकार, JNU का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद भी रख सकती है. लेकिन ऐसी किसी भी आशंका को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कुछ समय के लिए शांत कर दिया है.
केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ये क्लियर कर दिया है कि केंद्र सरकार जवाहर लाल यूनिवर्सिटी का नाम बदलने नहीं जा रही है. लोकसभा में जब ये सवाल पूछा गया कि क्या सरकार दिल्ली स्थित JNU विश्वविद्यालय का नाम बदलने जा रही है? तब इसके जवाब में निशंक ने कहा 'नो सर'.
आपको बता दें कि सत्तारुण पार्टी भाजपा के जनरल सेक्रेटरी CT रवि ने जवाहरलाल नेहरु यूनिवर्सिटी का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद के नाम पर रखने के लिए एक प्रस्ताव दिया था. पिछले नवंबर महीने में बीजेपी के जनरल सेक्रेटरी CT रवि ने एक ट्वीट करते हुए कहा था कि 'ये स्वामी विवेकानंद थे जो 'आईडिया ऑफ भारत' के विचार के लिए खड़े रहे थे. उनका दर्शन और उनके मूल्य 'भारत की शक्ति' की तरफ संकेत करते हैं. ये सही होगा कि जवाहरलाल नेहरु विश्वविद्यालय का नाम बदलकर स्वामी विवेकानंद विश्वविद्यालय कर दिया जाए. भारत के देशभक्त संत का जीवन आने वाली पीड़ियों को प्रेरणा देगा.
आपको बता दें कि इस समय JNU के वाइस चांसलर M. जगदीश कुमार हैं. जिनका कार्यकाल 26 जनवरी, 2021 को पूरा हो रहा था. लेकिन केंद्र सरकार ने उनके कार्यकाल को एक्सटेंशन दे दिया है. अब जगदीश कुमार तब तक वाइस चांसलर रह सकते हैं जब तक कि अगले वाइस चांसलर के नाम की घोषणा नहीं हो जाती.
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