दिल्ली: बुराड़ी में यमुना किनारे लगा मरी मछलियों का ढेर... प्रदूषण से बेहाल हो गए स्थानीय लोग

किसानों का कहना है कि हरियाणा से केमिकल मिला पानी यमुना में छोड़ा गया है, जिसके कारण मछलियों की मौत हुई है. स्थानीय लोगों के अनुसार 8 नंबर नहर के जरिए यमुना में गंदा और केमिकल युक्त पानी आता है.

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यमुना नदी में मृत मछलियां पाई गईं. यमुना नदी में मृत मछलियां पाई गईं.

सुशांत मेहरा

  • नई दिल्ली,
  • 17 मई 2025,
  • अपडेटेड 9:01 AM IST

दिल्ली के बुराड़ी इलाके में यमुना नदी का प्रदूषण स्तर एक बार फिर चिंता का विषय बन गया है. यमुना नदी के किनारे हजारों मरी मछलियां मिलने से क्षेत्र के लोग काफी परेशान हैं. बुराड़ी के प्रहलाद एनक्लेव में किसानों ने यमुना किनारे मरी मछलियों का ढेर देखा, जिससे नदी के पास रहने वाले लोग दुर्गंध से बेहाल हो गए.

किसानों का क्या आरोप

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किसानों का कहना है कि हरियाणा से केमिकल मिला पानी यमुना में छोड़ा गया है, जिसके कारण मछलियों की मौत हुई है. स्थानीय लोगों के अनुसार 8 नंबर नहर के जरिए यमुना में गंदा और केमिकल युक्त पानी आता है. यह पहली बार नहीं है जब यमुना में ऐसा जहरीला पानी छोड़ा गया हो. हर बार इसी तरह का पानी नदी में आता है, जिससे यमुना का जल धीरे-धीरे जहरीला होता जा रहा है.

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट क्या कहती है...

दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट में भी यमुना में तय मानक से अधिक मल और प्रदूषण पाए जाने की पुष्टि हुई है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह एक गंभीर समस्या है और इसका समाधान तुरंत किया जाना चाहिए.

स्थानीय लोगों को हो रही है परेशानी

स्थानीय लोगों का आरोप है कि जब भी नहर से गंदा या केमिकल मिला पानी सोनीपत से छोड़ा जाता है तो यमुना में मछलियों की मौत हो जाती है. इसके साथ ही पानी से दुर्गंध भी फैलने लगती है. लोगों का कहना है कि इस पानी का उपयोग तो हाथ धोने के लिए भी नहीं किया जा सकता.

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सरकार की प्रतिक्रिया का इंतजार

अब तक इस मामले में सरकार की ओर से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है. स्थानीय लोग सरकार से इस गंभीर समस्या का समाधान निकालने की अपील कर रहे हैं.

यमुना का बदलता स्वरूप

स्थानीय निवासियों का कहना है कि 1978 से पहले यमुना का पानी पीने योग्य था और यह सभी के लिए जल का मुख्य स्रोत था, लेकिन समय के साथ यमुना नदी का स्वरूप पूरी तरह बदल गया है. बढ़ते प्रदूषण के कारण नदी का पानी अब जहरीला हो गया है, जिससे मछलियों के साथ-साथ स्थानीय लोगों का जीवन भी प्रभावित हो रहा है.

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