GST से पहले दिल्ली के होलसेल बाजारों में नोटबंदी जैसा सन्नाटा

दुकानदारों का कहना है कि जून के आखिरी में सबसे ज्यादा कंफ्यूजन है. इस वक्त कोई माल की बुकिंग नहीं कर रहा है. क्योंकि दूसरे स्टेट में माल पहुंचते ही 1 जुलाई हो जाएगी और टैक्स चेंज हो जाएगा.

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प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर

अंकित यादव

  • नई दिल्ली,
  • 27 जून 2017,
  • अपडेटेड 1:03 PM IST

1 जुलाई से देशभर में जीएसटी लागू हो रहा है लेकिन जीएसटी के आने से पहले ही दिल्ली के बड़े होलसेल बाजारों में जबरदस्त सन्नाटा नजर आ रहा है. दिल्ली के सबसे बड़े बाजारों में से एक सदर बाजार में हर तरह का थोक कारोबार होता है. लेकिन घर के अप्लाएंसेस से लेकर किचन और एफएमसीजी प्रोडक्ट तक सभी की दुकानों में सन्नाटा पसरा है.

रोशन आनंद की सदर बाजार में किचन अप्लाएंसेस की होलसेल शॉप है. आमतौर पर इनकी दुकान ग्राहकों से भरी रहती थी पर अभी इनका काम पूरी तरह से ठप्प पड़ा हुआ है. रोशन कहते हैं कि दरअसल किचन के ज्यादातर प्रोडक्ट पर पहले 12 प्रतिशत टैक्स था अब 28 प्रतिशत हो गया है. ऐसे में 1000 के सामान पर कौन 280 रुपए टैक्स देगा.

इसके बाद 'आज तक' की टीम पास के ही एफएमसीजी शॉप पर पहुंची. वो दुकानें भी बिना ग्राहक नजर आईं. यहां के दुकानदार का कहना है कि नोटबंदी से भी खराब स्थिति आ गई है. व्यापार ठप्प हो गया है.

दुकानदारों का कहना है कि जून के आखिरी में सबसे ज्यादा कंफ्यूजन है. इस वक्त कोई माल की बुकिंग नहीं कर रहा है. क्योंकि दूसरे स्टेट में माल पहुंचते ही 1 जुलाई हो जाएगी और टैक्स चेंज हो जाएगा.

मजेदार बात है कि फिलहाल दिल्ली के तमाम दुकानदारों को उनकी दुकान के सामान पर लगने वाला नया टैक्स रेट मालूम तक नहीं है. वहीं सदर बाजार के अध्यक्ष देवराज बावेजा का कहना है कि दुकानों में सन्नाटा 60 प्रतिशत तक व्यापार डाउन हो गया है. ऐसा आने वाले 6 महीने तक रहेगा. अभी-अभी नोटबंदी से उबरे हैं. यही वजह है कि होलसेल बाजारों में जबरदस्त सन्नाटा छाया हुआ है.

व्यापारियों की परेशानियां
- एक ही दुकान में कई तरह के आइटम हैं. जिसमें टैक्स 0 प्रतिशत से 28 प्रतिशत है तो क्या 5 तरह की बिलबुक रखेंगे.
- ध्यान सामान बेचने पर लगाएंगे कि लिखापढ़ी पर. महीने के 37 फॉर्म हैं.

- आम जनता को टैक्स की जानकारी नहीं है उसमें विवाद होगा.

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