RTI से खुलासा: दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में एक तिहाई वेंटिलेटर नहीं कर रहे काम

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने आरटीआई रिपोर्ट की सटीकता पर सवाल उठाया है. उन्होंने कहा कि जमीन पर सभी वेंटिलेटर चालू स्थिति में हैं, सिर्फ 2-4 अस्थायी रूप से काम नहीं कर रहे होंगे. उन्होंने दस्तावेजों में विसंगति की संभावना जताई, लेकिन जमीनी हकीकत को अलग बताया है.

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लोकनायक अस्पताल (LNJP) और मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से जुड़ा है खुलासा (File Photo: ITG) लोकनायक अस्पताल (LNJP) और मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से जुड़ा है खुलासा (File Photo: ITG)

अनमोल नाथ

  • नई दिल्ली,
  • 09 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 1:57 AM IST

दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह ने इंडिया टुडे के आरटीआई खुलासे पर जवाब दिया है. यह जवाब दिल्ली के सरकारी अस्पतालों में गैर-कार्यशील वेंटिलेटरों के मुद्दे पर दिया गया है. इंडिया टुडे की आरटीआई रिपोर्ट में 297 वेंटिलेटरों में से 92 (31%) के खराब होने की बात सामने आई है. यह खुलासा लोकनायक अस्पताल (LNJP) और मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज जैसी सुविधाओं से जुड़ा है. 

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स्वास्थ्य मंत्री ने इस दावे को अस्वीकार किया है. उन्होंने कहा कि दिल्ली का हेल्थकेयर सिस्टम बेहतर हुआ है. मंत्री ने रिपोर्ट में कहा है कि LNJP अस्पताल में 74 वेंटिलेटर में से 69 पूरी तरह से काम कर रहे हैं. 

उन्होंने कहा कि ट्रॉमा सेंटर में सभी 6 वेंटिलेटर चालू हैं, और 18 बैकअप में हैं. जो 2-4 वेंटिलेटर अस्थायी रूप से काम नहीं कर रहे हैं, उनकी मरम्मत जल्द ही की जाएगी. उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार के आने के बाद से दिल्ली की स्वास्थ्य प्रणाली में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है.

RTI के आंकड़े: 31% वेंटिलेटर नॉन-फंक्शनल

इंडिया टुडे की आरटीआई रिपोर्ट में दिल्ली के स्वास्थ्य तंत्र में खतरनाक कमियों की बात सामने आई है. डेटा के मुताबिक, 297 वेंटिलेटरों में से 31% (92) काम नहीं कर रहे हैं. लोकनायक अस्पताल में 70 से ज्यादा वेंटिलेटर नॉन-फंक्शनल हैं. रिपोर्ट में PM केयर्स के तहत दिए गए करीब 41 वेंटिलेटर के भी ऑपरेशनल न होने की बात कही गई है.

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यह भी पढ़ें: नई दिल्ली रेलवे स्टेशन भगदड़: LNJP अस्पताल में कड़ी सुरक्षा, परिजनों को भी नहीं मिली एंट्री

AAP ने BJP को ठहराया जिम्मेदार

आम आदमी पार्टी (AAP) ने इस स्थिति के लिए बीजेपी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है. हालांकि, दिल्ली सरकार ने आरटीआई के जवाब को विवादित बताया. मंत्री ने कहा कि सब कुछ ठीक से प्रलेखित है, लेकिन कागज़ पर विसंगतियां हो सकती हैं. उन्होंने इंडिया टुडे को अस्पताल में आने और जमीनी हकीकत देखने के लिए बुलाया है.

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