LNJP अस्पताल में इलाज के दौरान नवजात बच्ची की मौत, डॉक्टरों के मृत बताने पर निकली थी जिंदा

परिवार का आरोप है कि बच्ची को उन्हें एक बॉक्स में सौंप दिया गया था और वह उसे रविवार को न्यू मुस्तफाबाद में अपने घर ले गए. उन्होंने उसे दफनाने की तैयारी शुरू कर दी थी, लेकिन शाम साढ़े सात बजे के करीब जब उन्होंने बॉक्स खोला, तो बच्ची अपने पैर और हाथ हिला रही है. इसके बाद तुरंत उसे वापस अस्पताल लाया गया. जहां वह क्रिटिकल सपोर्ट पर थी.

Advertisement
क्रिटिकल सपोर्ट पर बच्ची की मौत (प्रतिकात्मक तस्वीर) क्रिटिकल सपोर्ट पर बच्ची की मौत (प्रतिकात्मक तस्वीर)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 1:17 AM IST

दिल्ली सरकार द्वारा संचालित एलएनजेपी अस्पताल में जन्म के तुरंत बाद मृत घोषित नवजात बच्ची की बुधवार को अस्पताल में मौत हो गई. सूत्रों ने यह जानकारी दी. दरअसल, बच्ची समय से पहले पैदा हो गई थी और उसका वजन केवल 490 ग्राम था. रविवार को वह उस समय जीवित पाई गई जब परिवार उसे दफनाने के लिए जा रहा था. इसके बाद उसे वापस अस्पताल लाया गया और तब से वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर थी. सूत्रों ने बताया कि बुधवार को उसकी मौत हो गई.

Advertisement

न्यूज एजेंसी के मुताबिक डॉक्टरों ने पहले ही कहा था कि चिकित्सा की दृष्टि से माना जाता है कि ऐसे बच्चे बच नहीं सकते. एक सूत्र ने कहा कि अस्पताल ने पहले घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया था और बुधवार को एक रिपोर्ट सौंपी गई. पैनल ने घटना के बारे में पता लगाने के लिए उस दिन ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों से बात की. बच्चे के परिवार ने कहा कि उन्हें शाम करीब चार बजे बताया गया कि बच्ची नहीं रही.

बच्ची के चाचा एमडी सलमान ने न्यूज एजेंसी को फोन पर बताया, "हमें उसकी मौत के बारे में सूचित किया गया है. अस्पताल बच्ची को सौंपने से पहले पोस्टमार्टम करना चाहता है, लेकिन हम ऐसा नहीं चाहते. वह केवल तीन दिन की थी और हम नहीं चाहते कि वह इससे गुजरे. हम उसे सम्मानपूर्वक दफनाना चाहते हैं."

Advertisement

बता दें कि बच्ची की 35 वर्षीय मां की तीन साल की एक और बेटी है. परिवार ने कहा कि उनके पति साधारण टूलमेकिंग के व्यवसाय में काम करते हैं. परिवार ने बताया कि बच्ची को हमें एक बॉक्स में सौंप दिया गया था और हम उसे रविवार को न्यू मुस्तफाबाद में अपने घर ले गए. हमने उसे दफनाने की तैयारी शुरू कर दी थी, लेकिन शाम साढ़े सात बजे के करीब जब हमने बॉक्स खोला, तो हमने देखा कि बच्ची अपने पैर और हाथ हिला रही है. हम तुरंत उसे वापस अस्पताल ले गए."

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement