दिल्ली सरकार द्वारा संचालित एलएनजेपी अस्पताल में जन्म के तुरंत बाद मृत घोषित नवजात बच्ची की बुधवार को अस्पताल में मौत हो गई. सूत्रों ने यह जानकारी दी. दरअसल, बच्ची समय से पहले पैदा हो गई थी और उसका वजन केवल 490 ग्राम था. रविवार को वह उस समय जीवित पाई गई जब परिवार उसे दफनाने के लिए जा रहा था. इसके बाद उसे वापस अस्पताल लाया गया और तब से वह वेंटिलेटर सपोर्ट पर थी. सूत्रों ने बताया कि बुधवार को उसकी मौत हो गई.
न्यूज एजेंसी के मुताबिक डॉक्टरों ने पहले ही कहा था कि चिकित्सा की दृष्टि से माना जाता है कि ऐसे बच्चे बच नहीं सकते. एक सूत्र ने कहा कि अस्पताल ने पहले घटना की जांच के लिए तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया था और बुधवार को एक रिपोर्ट सौंपी गई. पैनल ने घटना के बारे में पता लगाने के लिए उस दिन ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टरों से बात की. बच्चे के परिवार ने कहा कि उन्हें शाम करीब चार बजे बताया गया कि बच्ची नहीं रही.
बच्ची के चाचा एमडी सलमान ने न्यूज एजेंसी को फोन पर बताया, "हमें उसकी मौत के बारे में सूचित किया गया है. अस्पताल बच्ची को सौंपने से पहले पोस्टमार्टम करना चाहता है, लेकिन हम ऐसा नहीं चाहते. वह केवल तीन दिन की थी और हम नहीं चाहते कि वह इससे गुजरे. हम उसे सम्मानपूर्वक दफनाना चाहते हैं."
बता दें कि बच्ची की 35 वर्षीय मां की तीन साल की एक और बेटी है. परिवार ने कहा कि उनके पति साधारण टूलमेकिंग के व्यवसाय में काम करते हैं. परिवार ने बताया कि बच्ची को हमें एक बॉक्स में सौंप दिया गया था और हम उसे रविवार को न्यू मुस्तफाबाद में अपने घर ले गए. हमने उसे दफनाने की तैयारी शुरू कर दी थी, लेकिन शाम साढ़े सात बजे के करीब जब हमने बॉक्स खोला, तो हमने देखा कि बच्ची अपने पैर और हाथ हिला रही है. हम तुरंत उसे वापस अस्पताल ले गए."
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