दिल्ली सरकार के खिलाफ गैर- मान्यता प्राप्त स्कूल के टीचरों का विरोध प्रदर्शन

स्कूल मालिकों की मानें, तो सातवीं क्लास तक स्कूल चलाने के लिए सरकार से मान्यता लेने की जरूरत नहीं है लेकिन सरकार के इस आदेश से तीन हजार से अधिक स्कूलों और उनमें पढ़ने वाले 9 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स का भविष्य अधर में लटका हुआ है.

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विरोध करते टीचर विरोध करते टीचर

कुमार अभिषेक / परमीता शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 16 मार्च 2018,
  • अपडेटेड 6:52 AM IST

राजघाट पर सैकड़ों की संख्या में दिल्ली के गैर मान्यता प्राप्त स्कूलों के छात्र- छात्राओं और टीचर्स ने केजरीवाल सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. दरअसल दिल्ली सरकार ने अपने एक आदेश में दिल्ली के करीब तीन हजार गैर- मान्यता प्राप्त स्कूलों को अप्रैल तक बंद करने या मान्यता लेने का आदेश दिया है.

स्कूल मालिकों की मानें, तो सातवीं क्लास तक स्कूल चलाने के लिए सरकार से मान्यता लेने की जरूरत नहीं है लेकिन सरकार के इस आदेश से तीन हजार से अधिक स्कूलों और उनमें पढ़ने वाले 9 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स का भविष्य अधर में लटका हुआ है. दिल्ली प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन के आर.सी जैन ने कहा कि ऐसे स्कूल कम फीस में उन इलाकों में शिक्षा देते हैं जहां नामी पब्लिक स्कूल या सरकारी स्कूल नहीं हैं और सातवीं तक ये पढ़ाई बिना मान्यता के दी जा सकती है.

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आर.सी जैन ने कहा की केजरीवाल किसी भी स्टूडेंट से उसका राइट टू एजुकेशन नहीं छीन सकते और अगर वो 90 लाख स्टूडेंट्स के लिए स्कूल नहीं बना सकते तो गैर-मान्यता प्राप्त स्कूल बंद करने का भी उन्हें कोई अधिकार नहीं. इस विरोध प्रदर्शन को भारतीय जनता पार्टी का भारपूर समर्थन मिला.

दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता और केंद्रीय मंत्री विजय गोयल भी प्रदर्शनकारियों के साथ खड़े दिखे. दोनों ने दिल्ली सरकार पर नए स्कूल बनाए बिना गैर-मान्यता प्राप्त स्कूल बंद करके स्टूडेंट्स के भविष्य से खिलवाड़ करने का आरोप लगाया. विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि वो ऐसे स्कूलों की हर संभव मदद करेंगे.

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