मॉनसून का हठ: दिल्ली वाले 10 दिन तो न ही देखें झमाझम बारिश के ख्वाब!

मौसम वैज्ञानिक कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि अभी अरब सागर से तो हवाएं सही अंतराल पर चल रही हैं. बंगाल की खाड़ी में कुछ झोंके तो आए और छाए लेकिन उनको धकेलने वाले नए झोंके नहीं आ पा रहे हैं. लिहाजा मॉनसून अटक गया है.

Advertisement
Monsoon Update: दिल्ली में गर्मी का सितम, अभी और करना होगा बारिश का इंतजार Monsoon Update: दिल्ली में गर्मी का सितम, अभी और करना होगा बारिश का इंतजार

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 01 जुलाई 2021,
  • अपडेटेड 11:15 AM IST

अभी कम से कम दस दिन तो अड़ियल मॉनसून के आगे बढ़ने के आसार नहीं दिख रहे. एक ओर पूरब में पूर्वी उत्तर प्रदेश तक तो दूसरी ओर उत्तर में पंजाब तक आकर ठिठका पड़ा है. मौसम विभाग का भी कहना है कि बंगाल की खाड़ी से नमी लेकर आनेवाली पुरवइया हवाओं के झोंके थपकी दें तो मॉनसून आगे बढ़े.

फिलहाल तो दिल्ली और एनसीआर के लोग अगले दस दिन मॉनसून के बारे में सोचें भी नहीं. इसी मसले पर हमने मौसम विभाग के वरिष्ठ वैज्ञानिक कुलदीप श्रीवास्तव से बात की कि आखिर कहां गड़बड़ है तो उनका जवाब था कि अभी सिस्टम बनता नहीं दिख रहा.

Advertisement

हमने पूछा कि सिस्टम माने क्या तो उनका कहना था कि दरअसल पृथ्वी जब चक्कर खाकर घूमती हुई एक खास जगह पर हर साल पहुंचती है तो समंदर में कम दबाव के क्षेत्र बनते हैं. यानी पूरब में बंगाल की खाड़ी और पश्चिम में अरब सागर में कम दबाव के क्षेत्र बनते हैं और समंदर की नमी युक्त हवाएं झोंके के साथ जमीन की ओर दौड़ती हैं. इसके बाद दोनों ओर की हवाएं एक लहर और रास्ते से गुजरती हैं. ये एक दूसरे को ठेलती भी हैं. इस रेलमपेल के साथ मॉनसून के बादल पूरे देश में छा जाते हैं और गरज तरज के साथ झमाझम बरसते हैं. बस यही मॉनसून की बारिश का समय होता है.

कुलदीप श्रीवास्तव ने बताया कि अभी अरब सागर से तो हवाएं सही अंतराल पर चल रही हैं. लेकिन बंगाल की खाड़ी में कुछ झोंके तो आए और छाए लेकिन उनको धकेलने वाले नए झोंके नहीं आ पा रहे हैं. लिहाजा मॉनसून अटक गया है.

Advertisement

हालांकि देश के उत्तर और पश्चिमी कोने में विक्षोभ उठ रहा है. उससे दिल्ली और एनसीआर को झमाझम तो नहीं लेकिन हल्की बूंदाबांदी और तेज अंधड़ आ सकते हैं. बादल छाएंगे चमकेंगे, गरजेंगे लेकिन बरसेंगे नहीं!  झमाझम के लिए तो इंतजार करना होगा. इंतजार भी ऐसा वैसा नहीं बल्कि लू के थपेड़ों के साथ. बाहर निकलते ही ऐसा लगेगा जैसे आपके आसपास से आग के गोले दौड़ रहे हों.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement