दिल्ली मेयर AAP का, पावर बीजेपी को... दिल्ली MCD के 'ऑपरेशन लोटस' का क्या होगा असर?

केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली और एमसीडी की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी के पांच पार्षदों ने बीजेपी का दामन थाम लिया है. एमसीडी में हुए इस पालाबदल का क्या असर होगा?

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अरविंद केजरीवाल और वीरेंद्र सचदेवा (फाइल फोटो) अरविंद केजरीवाल और वीरेंद्र सचदेवा (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 9:50 AM IST

केंद्र शासित प्रदेश दिल्ली और दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी के पांच पार्षद भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) में शामिल हो गए. दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने रविवार को आम आदमी पार्टी छोड़कर आए रामचंद्र, पवन सहरावत, ममता पवन, सुगंधा बिधूड़ी और मंजू निर्मल को पार्टी के प्रदेश कार्यालय में सदस्यता ग्रहण कराई. दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने पार्षदों के इस पालाबदल को आम आदमी पार्टी की सरकार की नाकामी का संकेत बताया है.

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दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि ये पार्षद बीजेपी के साथ इसलिए गए क्योंकि इन्हें आम आदमी पार्टी के साथ अपना राजनीतिक भविष्य नहीं दिखा. अरविंद केजरीवाल दिल्ली की समस्याओं का समाधान करने में असफल रहे हैं. पार्षदों के दल बदलने को लेकर दिल्ली की सियासत गर्म है. वहीं, बात इसे लेकर भी हो रही है कि एमसीडी के ऑपरेशन लोटस का असर क्या होगा?

बदल गया स्टैंडिंग कमेटी का गणित

पांच पार्षदों के इस पालाबदल ने एमसीडी की सबसे ताकतवर स्टैंडिंग कमेटी का गणित बदल दिया है. एमसीडी में विपक्षी बीजेपी के अब स्टैंडिंग कमेटी में नौ सदस्य होंगे. 18 सदस्यों वाली इस कमेटी के लिए पार्टी के दो सदस्य पहले ही चुन लिए गए थे और पांच जोन (शाहदरा नॉर्थ और साउथ जोन, केशवपुरम, नजफगढ़ और सिविल लाइंस जोन में) में पार्टी बहुमत में थी. स्टैंडिंग कमेटी में बीजेपी के सात सदस्य पहले से ही थे. अब ताजा पालाबदल के बाद सेंट्रल और नरेला जोन में भी बीजेपी का बहुमत हो गया है. बीजेपी में शामिल हुए पांच पार्षद इन्हीं दो जोन से हैं. रामचंद्र और पवन सहरावत नरेला जोन से आते हैं और बाकी तीन पार्षद सेंट्रल जोन से हैं.

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इसके उलट आम आदमी पार्टी के पास अब पांच जोन (साउथ, वेस्ट, रोहिणी, सिटी सदर-पहाड़गंज और करोलबाग जोन) में ही बहुमत रह गया है. आम आदमी पार्टी के तीन सदस्य पहले ही स्टैंडिंग कमेटी के लिए निर्वाचित हो चुके हैं. पांच जोन से पांच सदस्य और कमेटी के सदस्य निर्वाचित होंगे. आम आदमी पार्टी की स्ट्रेंथ स्टैंडिंग कमेटी में आठ ही पहुंचेगी जो बीजेपी से एक कम है. स्टैंडिंग कमेटी में बीजेपी जहां ड्राइविंग सीट पर आ गई है, वहीं आम आदमी पार्टी नंबरगेम में फंस गई है.

स्टैंडिंग कमेटी का कामकाज पर क्या इफेक्ट होगा

स्टैंडिंग कमेटी के बदले नंबरगेम का असर एमसीडी के कामकाज पर भी पड़ेगा. स्टैंडिंग कमेटी में आम आदमी पार्टी के नंबरगेम में पिछड़ने, बीजेपी के ड्राइविंग सीट पर आने का सीधा असर ये होगा कि अब एमसीडी में मेयर भले ही आम आदमी पार्टी का रहे, पावर बीजेपी के हाथ रहेगी. नंबरगेम में आगे निकली बीजेपी का दावा स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन पद के लिए अब मजबूत हो गया है. ज्यादातर प्रशासनिक और आर्थिक मामलों में स्टैंडिंग कमेटी की मंजूरी के बाद ही प्रस्ताव एमसीडी के सदन में पेश किए जाते हैं. एमसीडी के मेयर की कुर्सी भले ही आम आदमी पार्टी के पास हो लेकिन बीजेपी पावर सेंटर बनकर उभरेगी और दो धुर विरोधी पार्टियों के दो सत्ता केंद्र बन जाने का असर एमसीडी के कामकाज पर भी पड़ना तय बताया जा रहा है.

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एमसीडी में भी बन जाएगी पावर गेम वाली स्थिति

दिल्ली सरकार और उपराज्यपाल के बीच की खींचतान जगजाहिर है. उपराज्यपाल दिल्ली सरकार को कठघरे में खड़ा करते रहते हैं तो वहीं केजरीवाल सरकार उपराज्यपाल को. स्टैंडिंग कमेटी में बीजेपी को बहुमत के बाद अब एमसीडी में भी सत्ता के दो केंद्र होंगे और ऐसे में कहा ये जा रहा है कि एमसीडी में भी पावर गेम वाली स्थिति बन जाएगी. इसका असर विधानसभा चुनाव पर भी पड़ सकता है.

विधानसभा चुनाव पर क्या होगा असर

अगले साल की शुरुआत में ही दिल्ली विधानसभा के चुनाव होने हैं. पार्षदों के पार्टी छोड़ने को लेकर दिल्ली बीजेपी अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि भ्रष्टाचार से घिरी आम आदमी पार्टी की सरकार किस तरह से विकास कार्य रोकने का काम कर रही है, हम सब पिछले 10 साल से देखते आ रहे हैं. जिन साथियों ने बीजेपी में शामिल होने का निर्णय लिया है, उनके साथ मिलकर जनता की सेवा करेंगे. आम आदमी पार्टी छोड़ने वाले पार्षदों ने भी कहा- हम शीर्ष नेतृत्व के भ्रष्टाचार से त्रस्त होकर, पीएम मोदी के जन समर्पण से प्रभावित होकर बीजेपी में शामिल हो रहे हैं.

यह भी पढ़ें: पांच पार्षदों के पालाबदल से AAP को झटका, बीजेपी ने स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में छुआ मैजिकल नंबर

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भ्रष्टाचारः पार्षदों के साथ ही बीजेपी और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्षों ने भी जिस तरह से भ्रष्टाचार के मुद्दे पर आम आदमी पार्टी को कठघरे में खड़ा किया है, संकेत साफ हैं कि भ्रष्टाचार को विपक्षी पार्टियां दिल्ली चुनाव में बड़ा मुद्दा बनाएंगी.

नेताओं का अविश्वासः नेताओं के आम आदमी पार्टी छोड़ने से ये नैरेटिव सेट हो सकता है कि दिल्ली की सत्ताधारी पार्टी और उसके नेतृत्व पर उसके अपने नेताओं का ही भरोसा नहीं रहा.

साफ-सफाईः दिल्ली में साफ-सफाई एमसीडी के तहत आते हैं. एमसीडी की सत्ता पर बीजेपी काबिज थी. अब एमसीडी में भी आम आदमी पार्टी की सत्ता है. ऐसे में साफ-सफाई जैसे मुद्दों पर भी आम आदमी पार्टी को जवाब देना होगा.

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