ऑक्सीजन कंसंट्रेटर की कालाबाजारी पर मैट्रिक्स की सफाई, कहा- आरोप आधारहीन

कंपनी ने कहा कि आधारहीन आरोपों और गुमराह करने वाली जांच का सामना मैट्रिक्स की ओर से किया जाएगा और बहुत जल्द हम वापसी करने वाले हैं जिससे दिल्ली को मदद मिल सके. फिलहाल यह मामला अब दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है.

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सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई) सांकेतिक तस्वीर (पीटीआई)

तनसीम हैदर

  • नई दिल्ली,
  • 08 मई 2021,
  • अपडेटेड 6:36 PM IST
  • दिल्ली पुलिस के एक्शन के खिलाफ हाईकोर्ट गई कंपनी
  • हाईकोर्ट ने मामले में आज पुलिस से स्टेट्स रिपोर्ट मांगी
  • आधारहीन, गुमराह करने वाली जांच का सामना करेंगेः मैट्रिक्स

दिल्ली में ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स की कालाबाजारी को लेकर दिल्ली पुलिस ने कल मैट्रिक्स सेलुलर सर्विस लिमिटेड के सीईओ गौरव खन्ना को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तारी के बीच कंपनी ने जहां एक ओर दिल्ली हाईकोर्ट का रुख किया है तो वहीं प्रेस रिलीज जारी कर सफाई दी है. मैट्रिक्स ने बयान जारी कर सफाई दी है और कहा है कि यह सब एक गलत-अवधारणा और गलत जांच की पृष्ठभूमि की वजह से है.

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मैट्रिक्स सेलुलर इंटरनेशनल सर्विसेज लिमिटेड (मैट्रिक्स) ने कहा कि वह पिछले 25 सालों से एक गुड कॉर्पोरेट सिटिजन है, जो अपने ग्राहकों को दुनिया की यात्रा करने और अपने प्रियजनों के साथ जुड़े रहने में सक्षम बनाता है. हमारे कॉर्पोरेट मूल्यों और संकट के समय में योगदान करने की इच्छा के अनुरूप, हमने तुरंत अपने नेटवर्क के सहयोगियों के साथ मिलकर काम किया ताकि कोविड-19 महामारी का मुकाबला करने के लिए मास्क, ऑक्सीमीटर, सैनेटाइजेशन उपकरण और ऑक्सीजन कंसेट्रेटर्स जैसी जरूरी चीजें मुहैया कराई जा सके.

कंपनी की ओर से कहा गया कि सभी जरूरी कर्तव्यों और टैक्स का भुगतान करने के बाद ही आयात या भारत में खरीद के माध्यम से ही मैट्रिक्स द्वारा सभी सामग्री खरीदी गई होती हैं. मैट्रिक्स ने इसके बाद ही ऐप या कंपनी द्वारा डायरेक्ट ऑर्डर्स के जरिए ऐसे उपकरणों या सामग्रियों की बिक्री की सुविधा प्रदान की है.

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कंपनी ने बताया कि अलग-अलग हमारे कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी कार्यक्रम के हिस्से के रूप में जुड़े रहे हैं. कंपनी ने पूरे देश में 200 से अधिक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स और 10,000 मास्क दान किए हैं. 200 ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स प्रतिष्ठित संगठनों को दिए गए हैं.

आरोपों से हुई पीड़ाः मैट्रिक्स

कंपनी ने अपनी सफाई में कहा कि दिल्ली जैसे ही कोरोना वायरस की घातक दूसरी लहर का शिकार हुई. ऑक्सीजन कंसंट्रेटर्स को एकत्र करने में मदद करने के लिए, मैट्रिक्स ने कोविड मरीजों सहित एक सेंट्रल कलेक्शन सेंटर स्थापित किया. मैट्रिक्स ने इसे देश के नागरिकों की मदद करने की सोच के साथ शुरू किया था, लेकिन उसे दुर्भावनापूर्ण तरीके से दिल्ली को धोखा देने और महामारी से लाभ लेने के लिए चित्रित किया गया जबकि यह सच्चाई से परे है.

मैट्रिक्स ने कहा कि कंपनी पर लगे इन आरोपों से बेहद पीड़ा हुई है. कंपनी ने कहा कि आधारहीन आरोपों और गुमराह करने वाली जांच का सामना मैट्रिक्स की ओर से किया जाएगा और बहुत जल्द हम वापसी करने वाले हैं जिससे दिल्ली को मदद मिल सके.

यह मामला अब दिल्ली हाई कोर्ट के समक्ष विचाराधीन है, इसलिए मैट्रिक्स आगे कोई बयान नहीं देगी. कंपनी को हमारी न्याय प्रणाली पर पूरा भरोसा है. हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस से स्टेट्स रिपोर्ट मांगी है और पुलिस सोमवार को यह रिपोर्ट दाखिल करेगी.

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