दिल्ली के लाल किले पर हुए धमाके की जांच में पुलिस को एक बड़ा सुराग हाथ लगा है. पहली बार जैश-ए-मोहम्मद के आतंकी उमर मोहम्मद की वो तस्वीर सामने आई है, जिसमें वह डॉक्टर के भेष में दिखाई दे रहा है. सफेद कोट, गले में स्टेथोस्कोप और सामान्य डॉक्टर जैसा रूप. इसी भेष में उसने सुरक्षा एजेंसियों की आंखों में धूल झोंकने की कोशिश की थी. जांच एजेंसियों के अनुसार, डॉक्टर डेथ के नाम से पहचान बनाने वाला यही आतंकी लाल किले पर बम रखने और धमाका करने का जिम्मेदार है.
कब हुआ था धमाका?
गौरतलब है कि 10 नवंबर 2025 की शाम को लाल किला मेट्रो स्टेशन गेट नंबर-1 के पास धमाका हुआ था, जिसे सरकार ने एक आतंकी हमला घोषित किया है. इस विस्फोट में 13 लोगों की मौत और 20 से अधिक लोग घायल हुए थे. मामले की जांच NIA के हवाले है और घटना के बाद दिल्ली समेत पूरे देश में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
जांच के चलते 11 से 13 नवंबर तक लाल किला बंद किया गया, और एयरपोर्ट सहित सभी संवेदनशील स्थानों पर सख्त निगरानी बढ़ाई गई है. ब्रिटेन सहित कई देशों ने भारत के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी की है. सुरक्षा एजेंसियों के अनुसार, इस हमले के तार जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी नेटवर्क से जुड़ सकते हैं, हालांकि जांच अभी भी जारी है और हर नए सुराग के साथ मामले में कई अहम खुलासे होते जा रहे हैं.
CCTV फुटेज में दो मोबाइल फोन के साथ दिखाई दिया उमर
जांच में सामने आए सुपर एक्सक्लूसिव CCTV फुटेज ने कई नए राज खोले हैं. फरारी के दौरान उमर फरीदाबाद की एक मोबाइल शॉप पर 28 तारीख को दो मोबाइल फोन के साथ बैठा हुआ दिखाई देता है. फुटेज में वह दुकान में एक बैग लेकर आता है, बैग से एक मोबाइल फोन निकालकर दुकानदार को देता है, जबकि उसके हाथ में दूसरा मोबाइल साफ नजर आता है.
घबराया और बेचैन दिख रहा था आतंकी
CCTV में चार्जिंग के दौरान उमर का हावभाव बताता है कि वह बेहद घबराया हुआ और बेचैन था. उसकी बॉडी लैंग्वेज से साफ होता है कि वह अपने मिशन को लेकर दबाव में था और किसी बड़ी घटना की योजना उसके मन में चल रही थी.
दिल्ली आने से पहले गायब कर दिए फोन
जांच में यह भी सामने आया है कि उमर के पास दो मोबाइल फोन थे, लेकिन 10 तारीख को दिल्ली में प्रवेश करने से पहले ही उसने दोनों फोन ठिकाने लगा दिए. यही वजह है कि लाल किला धमाके के वक्त उसके पास कोई मोबाइल फोन बरामद नहीं हुआ. इससे साफ है कि वह पूरी तैयारी के साथ आतंक को अंजाम देने निकला था और सुरक्षा एजेंसियों से बचने के लिए डिजिटल ट्रेल भी मिटा चुका था.
जांच एजेंसियां अब CCTV फुटेज, मोबाइल शॉप के रिकॉर्ड और उमर के संपर्कों की गहराई से पड़ताल कर रही हैं. यह खुलासा पुलिस के लिए बड़ी सफलता माना जा रहा है, क्योंकि पहली बार आतंकी उमर के चेहरे और उसके तरीक़े की साफ तस्वीर सामने आई है.
अरविंद ओझा