तेलंगाना के मुख्यमंत्री केसीआर की बेटी और भारत राष्ट्र समिति (BRS) की नेता के कविता शुक्रवार को संसद और विधानसभाओं में महिला आरक्षण की मांग को लेकर धरने पर बैठीं. इस धरने को महिला आरक्षण के बहाने मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकजुटता की बीआरएस की कवायद के रूप में देखा जा रहा है. के कविता द्वारा महिलाओं के लिए उठाई जा रही मांग को भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डीके अरुणा ने मुद्दे से ध्यान भटकाने वाला कदम करार दिया है.
उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण बिल के लिए के कविता का विरोध सिर्फ ईडी से उन्हें मिले समन से ध्यान भटकाने की चाल है. तेलंगाना में महिलाओं के खिलाफ बहुत अत्याचार और अपराध हो रहे हैं लेकिन कविता ने कभी इस बारे में एक शब्द भी नहीं बोला.
सीताराम येचुरी पहुंचे
कविता ने पहले कहा था कि भूख हड़ताल उनके एनजीओ भारत जागृति द्वारा आयोजित की जा रही है, इसमें शामिल होने के लिए सभी राजनीतिक दलों को आमंत्रित किया गया है. अब तक आम आदमी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, माकपा और शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट सहित 10 से अधिक दलों ने अपनी भागीदारी की पुष्टि की है. इसी सिलसिले में सीपीआई (एम) के महासचिव सीताराम येचुरी को जंतर मंतर पर प्रदर्शनकारियों से बात करते देखा गया.
संसद के बाहर समर्थन जुटाएंगे
येचुरी ने कहा, हम सरकार से महिला आरक्षण विधेयक पेश करने की अपील करते हैं. हम संसद के बाहर समर्थन जुटाएंगे. उन्होंने कहा, मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि जब तक संसद में महिला आरक्षण विधेयक पारित नहीं हो जाता, हम समर्थन करते रहेंगे. विधेयक को पारित करने की मांग करते हुए येचुरी ने कहा, यह राज्यसभा में तब पारित हुआ था जब मैं सांसद था, इस विधेयक को पारित करने की जरूरत है.
ईडी की जांच का सामना कर रही कविता
मालूम हो कि दिल्ली शराब नीति मामले में ईडी की जांच का सामना कर रही कविता ने पहले मीडिया से कहा कि बिल 2010 से ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है और मोदी सरकार के पास 2024 से पहले इसे संसद में पारित कराने का ऐतिहासिक अवसर है. उन्होंने कहा, लगभग 500-600 सदस्य भूख हड़ताल पर बैठेंगे, लेकिन ये संख्या ज्यादा हो सकती है. कविता के मुताबिक, 6,000 से अधिक लोगों और 18 राजनीतिक दलों ने धरने में शामिल होने के लिए हामी भरी है.
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