JNU में अब शिवाजी जयंती कार्यक्रम में बवाल, ABVP और लेफ्ट के कार्यकर्ताओं में झड़प

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में एक बार फिर बड़ा बवाल शुरू हो गया है. शिवाजी जयंती के मौके पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और लेफ्ट के कार्यकर्ता भिड़ गए हैं. लेफ्ट का आरोप है कि ABVP के कार्यकर्ताओं ने मारपीट की है, वहीं ABVP ने शिवाजी अपमान को मुद्दा बना दिया है.

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JNU में अब शिवाजी जयंती कार्यक्रम में बवाल (फोटो- ABVP ट्विटर) JNU में अब शिवाजी जयंती कार्यक्रम में बवाल (फोटो- ABVP ट्विटर)

अक्षय डोंगरे

  • नई दिल्ली,
  • 19 फरवरी 2023,
  • अपडेटेड 7:04 AM IST

जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में एक बार फिर बड़ा बवाल शुरू हो गया है. शिवाजी जयंती के मौके पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद और लेफ्ट के कार्यकर्ता भिड़ गए हैं. ABVP का आरोप है कि लेफ्ट के कार्यकर्ताओं ने शिवाजी महाराज की तस्वीर को नीचे फेंका है, वहीं लेफ्ट दावा कर रहा है कि ABVP के कार्यकर्ताओं ने मारपीट की है. इस समय दोनों तरफ से आरोप लगाए जा रहे हैं, यूनिवर्सिटी द्वारा कोई बयान जारी नहीं किया गया है.

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शिवाजी जयंती को लेकर जेएनयू में बवाल

इस पूरे विवाद को लेकर ABVP ने कई तस्वीरें शेयर की हैं. उन तस्वीरों में शिवाजी की फोटो नीचे गिरी दिख रही है, फूल भी जमीन पर बिखरे हुए हैं. उन तस्वीरों के साथ ABVP ने लिखा है कि जेएनयू में छात्र संघ कार्यालय में वामपंथियों द्वारा #वीर_शिवाजी के चित्र से माला उतारा गया और तोड़ फोड़ कर वहां लगे महापुरुषों की तस्वीरों को फेंका गया. अभाविप इसकी कड़ी निंदा करती है एवं दोषियों पर कार्रवाई की मांग करती है.

लेफ्ट का अलग दावा, ABVP पर गंभीर आरोप

अब ये बयान तो ABVP ने जारी किया है, लेकिन लेफ्ट ने भी अपनी तरफ से इस पूरी घटना के बारे में जानकारी दी है. लेफ्ट का आरोप है कि ABVP के कार्यकर्ताओं ने जमीन पर जमकर बवाल काटा है और मारपीट की गई है. लेफ्ट ने कहा है कि ABVP एक बार फिर मारपीट पर उतर आया है. दर्शन सोलंकी के पिता के कहने पर कैंडल मार्च निकाला गया था. दर्शन सोलंकी जो कि बॉम्बे IIT में पढ़ते थे, जातिवाद माहौल ने उसे मार दिया था. लेकिन ABVP के कार्यकर्ताओं ने इस शांति मार्च को भी पूरा नहीं होने दिया और इसे रोकने की कोशिश की.

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ABVP ने लेफ्ट के आरोपों को किया खारिज

इन आरोपों को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने सिरे से खारिज कर दिया है. संगठन का दावा है कि वो तो शिवाजी जयंती मना रहा था. लेकिन JNUSU के कार्यकर्ताओं ने शिवाजी की तस्वीर से माला हटा दी थी और उसे फेंक दिया. इसी वजह से विवाद शुरू हो गया. अब कौन सही बोल रहा है, कौन गलत, अभी स्पष्ट नहीं, लेकिन दोनों तरफ से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. 

अभी इस समय जेएनयूएसयू छात्रसंघ ऑफिस के पास जमकर हंगामा हो रहा है. दिल्ली पुलिस के कई आला अधिकारी और कई थाने के एसएचओ यहां तैनात हैं. स्थिति को काबू में करने की कोशिश की जा रही है. अब ये कोई पहली बार नहीं है जब जेएनयू में किसी मुद्दे को लेकर यूं संग्राम की स्थिति बनी हो. कुछ दिन पहले ही बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को लेकर भी जमकर बवाल काटा गया था.  

बीबीसी डॉक्यूमेंट्री के वक्त भी जमकर बवाल

असल में लेफ्ट जेएनयू में बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री 'India: The Modi Question' की स्क्रीनिंग करना चाहता था. उसकी तरफ से इसका आयोजन भी किया गया और छात्रों ने डॉक्यूमेंट्री देखी भी. लेकिन तभी कैंपस में बिजली काट दी गई जिस वजह से बड़ा विवाद खड़ा हो गया. लेफ्ट का आरोप रहा कि प्रशासन ने बिजली काट दी थी. छात्रों का ये भी आरोप रहा कि डॉक्यूमेंट्री देखते समय उनके ऊपर पत्थरबाजी की गई. इस वजह से देर रात छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया था और पुलिस को मौके पर पहुंचना पड़ा था. अब एक बार फिर ऐसी ही स्थिति कैंपस में बन गई है. फिर एबीवीपी और लेफ्ट ने ही एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाए हैं.

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