IFSO ने क्रिप्टो चोर गिरोह का किया भंडाफोड़, मास्टरमाइंड समेत 3 गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की IFSO यूनिट में शिल्पा जायसवाल नामक महिला की शिकायत मिली थी. इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि वह अपने फोन में क्रिप्टो करेंसी ट्रस्ट वॉलेट चला रही थीं. जिसमें करीब 6 BTC का बैलेंस था. 4 जुलाई को जब वह विदेश यात्रा पर थीं, तो उन्हें पता चला कि किसी ने उनके क्रिप्टो वॉलेट से सारे BTC चुरा लिए हैं.

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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी. पुलिस की गिरफ्त में आरोपी.

अरविंद ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 26 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 11:10 PM IST

दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की IFSO यूनिट ने क्रिप्टो चोरों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है. पुलिस ने मास्टरमाइंड और उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया है. आरोपी 6 BTC (करीब 3 करोड़ रुपये) की चोरी में शामिल थे. मामले में पुलिस ने करीब 1.25 करोड़ रुपये नकद, 2.32 BTC, 9600 USDT बरामद किए हैं, जो चोरी की गई रकम का करीब 90% है.

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दरअसल, IFSO में शिल्पा जायसवाल नामक महिला की शिकायत मिली थी. इसमें उन्होंने आरोप लगाया था कि वह अपने फोन में क्रिप्टो करेंसी ट्रस्ट वॉलेट चला रही थीं. जिसमें करीब 6 BTC का बैलेंस था. 4 जुलाई को जब वह विदेश यात्रा पर थीं, तो उन्हें पता चला कि किसी ने उनके क्रिप्टो वॉलेट से सारे BTC चुरा लिए हैं.

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प्रारंभिक जांच के बाद, पुलिस थाना विशेष प्रकोष्ठ में एफआईआर संख्या 309/24, यू/एस 303(2)/323/61(2)/3(5)/317(2) बीएनएस एवं 66 आईटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई. टीम को शिकायतकर्ता के ट्रस्ट वॉलेट से किए गए जटिल क्रिप्टो लेनदेन के मनी ट्रेल को स्थापित करने और उसका विश्लेषण करने तथा तकनीकी विश्लेषण की सहायता से चोरी की गई क्रिप्टो करेंसी के ट्रेल का पता लगाने का काम सौंपा गया.

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शिकायतकर्ता के लेनदेन विवरण का विश्लेषण करने पर यह पाया गया कि आरोपी ने ट्रैकिंग से बचने के लिए कई छोटे लेनदेन किए और कई टम्बलर/मिक्सर के माध्यम से बीटीसी को ट्रांसफर भी किया. पुलिस टीम के अथक प्रयासों से छह कथित वॉलेट की पहचान की गई, जिनमें चोरी की गई बीटीसी स्थानांतरित की गई थी. इन वॉलेट के तकनीकी ट्रेल के आगे के विश्लेषण पर शिकायतकर्ता के वॉलेट से क्रिप्टो करेंसी की चोरी में शामिल एक आरोपी की पहचान कर ली गई.

तकनीकी विश्लेषण और स्थानीय खुफिया जानकारी के आधार पर आरोपियों की पहचान सुनिश्चित करने के बाद 19 जुलाई को कथित चोरी की मास्टरमाइंड की पहचान उत्तम नगर की रहने वाली सुश्री साक्षी के रूप में हुई. पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया. लगातार पूछताछ के दौरान उसने मामले में शामिल दो अन्य साथियों के नाम बताए.

शिकायतकर्ता की दोस्त थी मास्टरमाइंड

इसके बाद पुलिस ने रोहतक निवासी संजय शर्मा और विपिन गार्डन (दिल्ली) निवासी आशीष शर्मा को गिरफ्तार किया. लगातार पूछताछ करने पर सभी आरोपियों ने अपराध में अपनी संलिप्तता कबूल कर ली. पूछताछ से यह पता चला कि आरोपी मोक्षी, जो शिकायतकर्ता की करीबी दोस्त है. वह जानती थी कि शिकायतकर्ता के वॉलेट में क्रिप्टो करेंसी है. 

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उसने अपने दोस्त संजय और आशीष के साथ मिलकर शिकायतकर्ता की क्रिप्टो करेंसी चोरी करने की साजिश रची. उन्हें पता था कि शिकायतकर्ता विदेश जा रही है. इसलिए उसने अपने साथियों के साथ साजिश रची. साजिश के अनुसार, मोक्षी ने शिकायतकर्ता को अपने साथ एयरपोर्ट जाने के लिए राजी किया. फिर एयरपोर्ट जाते समय मोक्षी ने नेविगेशन चेक करने के बहाने शिकायतकर्ता का फोन ले लिया और उसने शिकायतकर्ता के वॉलेट से पूरी क्रिप्टो राशि (6 बीटीसी) अलग-अलग क्रिप्टो वॉलेट में ट्रांसफर कर दी.

तीनों को शिकायतकर्ता के यात्रा समय के बारे में पूरी जानकारी थी. उन्हें पता था कि शिकायतकर्ता 7-8 घंटे तक फ्लाइट मोड में रहेगा और उन्हें बिटकॉइन को अलग-अलग वॉलेट में ट्रांसफर करने के लिए पर्याप्त समय मिलेगा. उन्होंने चुराए गए बिटकॉइन को कई वॉलेट में ट्रांसफर किया और कुछ क्रिप्टो को अलग-अलग जगहों पर कैश में बदल दिया.

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