देश की राजधानी के अस्पतालों में ऑक्सीजन की किल्लत के बीच अलग-अलग प्लांट से आने वाले ऑक्सीजन ट्रक को ट्रैक करने के लिए जीपीएस की मदद ली जा रही है. साथ ही दिल्ली सरकार ने टाटा स्टील के कलिंगा नगर स्थित ऑक्सीजन प्लांट पर दो आईएएस अधिकारियों को भी नियुक्त किया है.
दिल्ली सरकार ने शहर के भीतर विभिन्न अस्पतालों और संस्थानों में ऑक्सीजन के वितरण के लिए एक विकेंद्रीकृत प्रबंधन प्रणाली भी बनाई है.
दिल्ली में ऑक्सीजन की आपूर्ति और मांग के वास्तविक समय की निगरानी के लिए 7 मई को नियंत्रण कक्ष भी बनाया जाएगा. दिल्ली सरकार के मुताबिक 'रेल मार्ग के माध्यम से 5 मई को दिल्ली को लगभग 360 मीट्रिक टन ऑक्सीजन मिली है. ऑक्सीजन आपूर्ति का सबसे प्रभावी तरीका रेलवे और कंटेनरीकृत कार्गो है. दिल्ली में तरल ऑक्सीजन के परिवहन के लिए धीरे-धीरे क्षमता बढ़ायी जा रही है. रेलवे के माध्यम से ऑक्सीजन की आपूर्ति बेहतर हो गई है.'
वहीं, दिल्ली को टैंकरों और कंटेनरों के माध्यम से आसपास के क्षेत्रों जैसे पानीपत से ऑक्सीजन की आपूर्ति हो रही है. दिल्ली सरकार की टीम हर टैंकर की आवाजाही पर नज़र रख रही है. शहर में ऑक्सीजन लाने वाले 41 टैंकरों को जीपीएस ट्रैकिंग के माध्यम से ट्रैक किया जा रहा है.
दिल्ली सरकार ने एक डैशबोर्ड तैयार किया है और राष्ट्रीय राजधानी में ऑक्सीजन लाने वाले कार्गो को ट्रैक करने के लिए अमेजन कंपनी के साथ भागीदार की गई है.
दिल्ली सरकार ने शहर के भीतर विभिन्न अस्पतालों और संस्थानों में ऑक्सीजन वितरण के लिए विकेंद्रीकृत प्रबंधन प्रणाली बनाई है. सभी डीएम एक-एक रीफिलर को ट्रैक कर रहे हैं और सुनिश्चित कर रहे हैं कि जल्द से जल्द ऑक्सीजन अस्पतालों तक पहुंचे. स्वास्थ्य विभाग ने ऑक्सीजन सिलेंडर के डीलर नेटवर्क को सक्रिय करने का आदेश भी जारी किया है. औद्योगिक गैस देने वाले सभी डीलर्स को सिलेंडर भरने वालों के साथ जोड़ा गया है. ये डीलर नागरिकों को सिलेंडर देने वाले रिटेलर आउटलेट को सिलेंडर देते हैं.
इसके अलावा सरकार ऑक्सीजन के लिए बफर स्टॉक भी बना रही है. शहर के 11 उपायुक्तों को 505 डी-टाइप सिलेंडर पहले ही दिए जा चुके हैं. दिल्ली सरकार सिलेंडर दान करने के लिए अपील भी कर रही है इसके लिए आधिकारिक वेबसाइट पर लॉग इन कर और डोनेट टैब पर क्लिक कर के ऑक्सीजन सिलेंडर दान कर सकते हैं.
पंकज जैन