केजरीवाल की जमानत का ED ने किया विरोध, जांच एजेंसी ने अपने जवाब में दिए ये तर्क

ईडी ने अपने जवाब में अरविंद केजरीवाल की एक अन्य आरोपी विनोद चौहान के साथ कथित चैट को शामिल किया है, जिसमें दावा किया गया है कि विनोद चौहान केजरीवाल की हाईकोर्ट जज से मुलाकात की व्यवस्था कर रहा था.

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अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो/PTI) अरविंद केजरीवाल (फाइल फोटो/PTI)

सृष्टि ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 08 जून 2024,
  • अपडेटेड 5:14 AM IST

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने राउज एवेन्यू कोर्ट में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की कथित शराब घोटाले में नियमित जमानत की मांग वाली याचिका का विरोध करते हुए अपना जवाब दाखिल किया है. कोर्ट ने ईडी के जवाब को रिकॉर्ड में लिया और मामले की सुनवाई 14 जून को तय की है. हालांकि केजरीवाल के वकीलों ने ईडी के जवाब पर विचार करने के लिए समय मांगा.
 
ईडी ने अपने जवाब में अरविंद केजरीवाल की एक अन्य आरोपी विनोद चौहान के साथ कथित चैट को शामिल किया है, जिसमें दावा किया गया है कि विनोद चौहान केजरीवाल की हाईकोर्ट जज से मुलाकात की व्यवस्था कर रहा था.

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ईडी ने कहा कि विनोद चौहान दिल्ली से गोवा 25.5 करोड़ रुपये के ट्रांसफर के लिए जिम्मेदार था, जो अभिषेक बोइनपल्ली यानी साउथ ग्रुप के प्रतिनिधि से मिले थे. विनोद ने जिसने नकद हस्तांतरण भी संभाला था. ईडी ने कहा कि विनोद चौहान केजरीवाल के माध्यम से दिल्ली जल बोर्ड के अधिकारियों की ट्रांसफर पोस्टिंग का प्रबंधन कर रहे थे.

ईडी ने ये भी दावा किया कि विनोद चौहान के डिजिटल डिवाइस की जांच से चैट का पता चला है, जिससे पता चलता है कि विनोद चौहान और अरविंद केजरीवाल के बीच घनिष्ठ संबंध हैं. जांच एजेंसी ने दावा किया है कि विनोद चौहान की करीबी इस तथ्य से भी स्पष्ट होती है कि वह अरविंद केजरीवाल के माध्यम से दिल्ली जल बोर्ड में अधिकारियों की पोस्टिंग का प्रबंधन कर रहे थे.

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ईडी ने एक चैट और दिल्ली सरकार के एक आधिकारिक नोट का स्क्रीनशॉट भी संलग्न किया है, जिसमें ऐसी पोस्टिंग को मंजूरी दी गई है. ईडी ने कहा कि अरविंद केजरीवाल को मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से जोड़ने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं.

ईडी ने अपने जवाब में कहा कि केजरीवाल गंभीर आर्थिक अपराधों में शामिल हैं और मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध से उन्हें जोड़ने के लिए पर्याप्त सबूत मौजूद हैं, और जमानत पर उनकी रिहाई से गहरी जड़ें जमाए बहुस्तरीय साजिश का पता लगाने के लिए आगे की जांच पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा.

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