दिल्ली वाले कड़ाके की ठंड में बिस्तर में पड़े थे कि तभी भूकंप के झटके ने उनकी नींद उड़ा दी. कोई बिस्तर छोड़कर भागा तो कोई घर से बाहर निकल आया तो कोई इस सोच में पड़ा कि कुछ हिला. पता चला कि ये भूकंप के झटके थे.
ठीक रात के 11 बजकर 45 मिनट पर भूकंप के झटके से दिल्ली हिल गई. आंकड़े बताते हैं कि अप्रैल के बाद यह 15वीं बार है जब दिल्ली और आसपास के इलाकों में भूकंप के झटके महसूस किए गए हैं.
दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार रात को रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 4.2 मापी गई. इसका केंद्र दिल्ली से सटे गुरुग्राम से 48 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में था. झटका ज्यादा जोर का नहीं था. लेकिन यह डराने वाला है.
दिल्ली बार-बार क्यों हिल रही?
सवाल है कि आखिर बार-बार दिल्ली क्यों हिल रही है? दिल्ली में बार बार भूकंप क्यों आ रहे हैं? आखिर दिल्ली में जमीन के नीचे क्या चल रहा है, कहीं ये किसी बड़े भूकंप की आहट तो नहीं?
इसी साल अप्रैल के बाद से दिल्ली-एनसीआर में 15 बार भूकंप के झटके महसूस किए गए. हर बार भूकंप का केंद्र दिल्ली के आस-पास ही था. 16 दिन पहले ही दिल्ली में भूकंप के हल्के झटके महसूस किए गए थे. दिल्ली-एनसीआर के नीचे 100 से ज्यादा लंबी और गहरी फॉल्ट्स हैं. इसमें से कुछ दिल्ली-हरिद्वार रिज, दिल्ली-सरगोधा रिज और ग्रेट बाउंड्री फॉल्ट पर हैं. इनके साथ ही कई सक्रिय फॉल्ट्स भी इनसे जुड़ी हुई हैं.
क्या किसी बड़े भूकंप की आशंका है?
जवाहरलाल नेहरू सेंटर ऑफ एडवांस्ड साइंटिफिक रिसर्च में प्रोफेसर सीपी राजेंद्रन ने आशंका जताई है कि दिल्ली-एनसीआर में कभी भी बड़ा भूकंप आ सकता है. लेकिन ये कब आएगा और कितना ताकतवर होगा, ये कह पाना मुश्किल है.
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सीपी राजेंद्रन ने 2018 में एक स्टडी की थी. इसके मुताबिक साल 1315 और 1440 के बीच भारत के भाटपुर से लेकर नेपाल के मोहाना खोला तक 600 किलोमीटर लंबी सीसमिक गैप बन गई थी. 600-700 सालों से ये गैप शांत है, लेकिन इस पर लगातार भूकंपीय दबाव बन रहा है. हो सकता है कि ये दबाव भूकंप के तौर पर सामने आए. अगर यहां से भूकंप आता है तो ये 8.5 तीव्रता तक हो सकता है.
डराने वाली बात यही है कि दिल्ली में 8.5 तीव्रता का भूकंप आया तो क्या होगा, कितनी बड़ी तबाही आएगी इसका अनुमान लगाना बहुत मुश्किल नहीं है.
सुशांत मेहरा