राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में पानी का संकट बहुत ज्यादा बढ़ चुका है. अभी आने वाले दिनों में दिल्लीवासियों को जल संकट से राहत मिलने के आसार नजर नहीं आ रहे हैं,क्योंकि यमुना सूखी पड़ी है और लगातार यमुना का जलस्तर नीचे गिर रहा है.
दिल्ली में पानी का प्रोडक्शन यमुना के पानी से होता है. पानी का एक हिस्सा हरियाणा से वजीराबाद पॉन्ड में आता है तो दूसरा हिस्सा मुनक नहर से बवाना कॉन्टैक्ट प्वाइंटर पर आता है. मुनक नहर में पानी कम आने की वजह और वजीराबाद बैराज पर पानी नहीं होने की वजह से दिल्ली में जल संकट गहराता जा रहा है.
दिल्ली सरकार में जल मंत्री आतिशी ने दावा किया है कि ओखला वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट पर पानी का स्तर लगातार गिर रहा है. यहां पर सामान्य दिनों में जलस्तर 674.5 फीट होता है, लेकिन अब ये 668 फीट से नीचे गिर गया है. ये जलस्तर इतना इस लिए भी बना हुआ है, क्योंकि हम लगातार पानी की रीसाइक्लिंग कर रहे हैं. नहीं तो इस वक्त यहां सिर्फ रेत दिख रही होती.
हरियाणा से आता है पानी
वजीराबाद पॉन्ड में हरियाणा से पानी आता है. इसी पॉन्ड से फिर ये पानी चंद्रावल और ओखला वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट पर भेजा जाता है. पानी की कमी के कारण तीनों वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स पर पानी के प्रोडक्शन की समस्या हो रही है. दिल्ली के लोग बहुत परेशान हैं और हम हरियाणा सरकार से अपील करेंगे कि वह यमुना नदी में पानी छोड़े. जब तक हरियाणा सरकार यमुना नदी में पानी नहीं छोड़ेगी, तब तक दिल्ली में पानी की कमी बनी रहेगी.
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लगातार गिर रहा है जलस्तर
पिछले 5 साल के डेटा के मुताबिक, इस समय में वज़ीराबाद बैराज में यमुना नदी का जल स्तर 674.5 फीट होता था, जो 668 फीट तक गिर गया है.यह जलस्तर भी इसलिए दिख रहा है क्योंकि हम पानी रीसायकल कर रहे हैं वरना यहां रेत दिख रही होती.
वहीं, मुनक नहर से 902, 903, या 905 क्यूसेक पानी ही आ रहा है. जब पानी सोर्स से ही नहीं आएगा तो पानी की प्रोडक्शन कैसे होगा. पानी का प्रोडक्शन कम होगा तो सप्लाई भी कम होगी, जिससे लोग परेशानी होगी.
पंकज जैन