दिल्ली में नौकरी का फर्जी रैकेट, महिला आयोग में नौकरी का झांसा देकर महिलाओं से ठगी

दिल्ली पुलिस ने 27 साल की सागर सिंह उर्फ़ मनु को नौकरी के फर्जी रैकेट के मामले में गिरफ्तार किया. आरोपी ने महिलाओं और अधिवक्ताओं को सरकारी पद दिलाने का झांसा देकर 23,110 रुपये की ठगी की. तकनीकी जांच में आरोपी का डिजिटल और बैंक ट्रैक सामने आया. उसे पहले भी कई राज्यों में धोखाधड़ी और अपराध के मामलों में नामजद किया जा चुका है. पुलिस अब उसके अन्य शिकार और साथियों की तलाश कर रही है.

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ठग हुई गिरफ्तार (Photo: AI-generated) ठग हुई गिरफ्तार (Photo: AI-generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 23 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 8:46 PM IST

दिल्ली पुलिस ने साइबर फ्रॉड के एक बड़े मामले में 27 साल के सागर सिंह उर्फ़ मनु को गिरफ्तार किया है. आरोपी महिलाओं और वकीलों को धोखा देकर सरकारी पदों, विशेषकर महिला आयोग में उच्च पद दिलाने का झांसा देता था.

न्यूज एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने बताया कि आरोपी ने महिला आयोग और दिल्ली सरकार के अलग-अलग विभागों में उच्च पदों की जानकारी ऑनलाइन जुटाई और खुद को वरिष्ठ अधिकारी के रूप में पेश किया. इससे पीड़ितों को विश्वास हुआ कि वह वास्तव में संबंधित अधिकारियों से जुड़ा है.

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पद का झांसा देकर ठगी

इस रैकेट का खुलासा 18 अगस्त को तब हुआ जब शिखा तिवारी, विश्वास नगर की निवासी, ने शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि जून में उन्हें एक संदेश मिला जिसमें आरोपी ने सरकारी पद दिलाने का वादा किया. इसके बाद आरोपी ने ईमेल भेजकर पंजीकरण आईडी और फीस की मांग की. पीड़ित ने कुल 23,110 रुपये ट्रांसफर किए हैं.

लाखों रुपये ट्रांसफर

पुलिस ने तकनीकी जांच और बैंक अकाउंट ट्रैकिंग के आधार पर आरोपी तक पहुंच बनाई. जांच में पता चला कि उसने एक अन्य महिला अधिवक्ता से 3.34 लाख रुपये की ठगी भी की थी. आरोपी ने सोशल मीडिया अकाउंट हैक कर पीड़िता को फंसाया और फर्जी रजिस्ट्रेशन आईडी बनाई.


आरोपी का पुराना रिकॉर्ड
 

डीसीपी (शाहदरा) प्रशांत गौतम के अनुसार, आरोपी का यह तरीका वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के डिजिटल पहचान का गलत इस्तेमाल करना था. उसने लंबे समय से अपनाया हुआ है. सागर सिंह पहले भी धोखाधड़ी और कुछ मामलों में यौन अपराध के मामलों में नामजद है. पुलिस अब इस फर्जी रैकेट में शामिल अन्य लोगों और अन्य शिकारों की पहचान कर रही है. साथ ही, आरोपी के साथियों और ठगी की रकम का पता लगाने के प्रयास जारी हैं.
 

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