दिल्ली हिंसा: कई इलाकों में नगदी की किल्लत, मुस्तफाबाद में ATM खाली

हिंसा प्रभावित मुस्तफाबाद में रहने वाले कैलाश कुमार ने कहा कि हिंसा के बाद वे यूपी के गाजीपुर में स्थित अपने पैतृक गांव में जाना चाहते हैं, लेकिन यात्रा खर्च के लिए वे नगदी नहीं निकाल सके.

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दिल्ली हिंसा पीड़ितों के बीच राहत सामग्री बांटते लोग (फोटो- पीटीआई) दिल्ली हिंसा पीड़ितों के बीच राहत सामग्री बांटते लोग (फोटो- पीटीआई)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 मार्च 2020,
  • अपडेटेड 12:09 PM IST

  • हिंसा पीड़ितों के सामने नई परेशानी
  • ATM खाली होने से नगदी की किल्लत
  • सुरक्षा कारणों से बैंक भी बंद रहे

दिल्ली के हिंसा प्रभावित इलाकों में लोग खौफ और सदमे में तो रह ही रहे हैं. उनके सामने अब एक नई समस्या पैदा हो गई है. ये समस्या है नगदी की. हिंसा प्रभावित इलाकों में एटीएम में कैश खत्म हो गया है. कुछ एटीएम खराब पड़े हैं, जहां इक्का-दुक्का एटीएम ठीक भी है वहां लोगों की कतार लगी हुई है.

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हिंसा से प्रभावित जाफराबाद, मुस्तफाबाद, मौजपुर, शिवपुरी में लोगों के सामने नगदी की दिक्कत हो रही है. समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक बुनियादी समस्याओं की किल्लत तो है ही, उनके सामने नगदी की नई समस्या पैदा हो गई है.

कुछ ATM खराब, तो कुछ खाली

मुस्तफाबाद में रहने वाले कैलाश कुमार ने कहा कि हिंसा के बाद वे यूपी के गाजीपुर में स्थित अपने पैतृक गांव में जाना चाहते हैं, लेकिन यात्रा खर्च के लिए वे नगदी नहीं निकाल सके. उन्होंने पीटीआई से कहा, "हमलोग तीन दिनों तक अपने घर में बंद रहे, आज जब मैं एटीएम से पैसे निकालने आया तो मुझे खाली हाथ लौटना पड़ा. इलाके के ज्यादातर एटीएम बंद पड़े हैं."

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लोगों के पास नगदी की किल्लत

शिव विहार में मोबाइल रिचार्ज की दुकान चलाने वाले मोहम्मद आलम ने कहा कि चार दिनों तक उनकी दुकान बंद पड़ी रही. उन्होंने अपना दुखड़ा सुनाते हुए कहा, "हमारे धंधे पर असर पड़ा है, लोगों के पास नकदी नहीं है, लेकिन कुछ लोग हमारी मदद कर रहे हैं."

बता दें कि हिंसा प्रभावितों की मदद के लिए दिल्ली के कई इलाकों से लोग राशन के सामान, दूध और खाने-पीने की चीजें अपनी गाड़ियों में रखकर बांटने के लिए पहुंच रहे हैं.

उधारी से चल रहा है काम

पलंबर का काम करने वाले 32 साल के विजय कुमार ने कहा कि उसे घर का सामान खरीदने के लिए पैसों की जरूरत थी, लेकिन वे एटीएम से पैसे ही नहीं निकाल सके. उन्होंने कहा कि मेरे दोस्त ने मुझे कुछ उधार दिया, इससे मैं अपना काम चला रहा हूं.

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स्थानीय लोगों का कहना है कि 24 और 25 फरवरी की हिंसा के बाद इलाके के बैंक ज्यादातर बंद रहे हैं.

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