राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कई स्कूल कोरोना के चलते 19 महीने तक बंद रहने के बाद सोमवार से सभी कक्षाओं के लिए फिर से खुल जाएंगे. वहीं कई स्कूलों ने त्यौहारों की छुट्टियों के बाद खोले जाने का फैसला किया है. दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (DDMA) ने पिछले हफ्ते घोषणा की थी कि 1 नवंबर से सभी कक्षाओं के लिए स्कूल फिर से खुलेंगे. भले ही टीचिंग और लर्निंग ब्लैंडेड मोड में जारी रहे.
छात्रों को स्कूल आने के लिए न किया जाए मजबूर
डीडीएमए ने यह भी कहा था कि स्कूलों को यह सुनिश्चित करना होगा कि एक समय में एक कक्षा में 50 प्रतिशत से अधिक बच्चों की उपस्थिति न हो और किसी भी छात्र को स्कूल आने के लिए मजबूर न किया जाए. सितंबर में कक्षा 9 से 12 के लिए फिर से स्कूल खोले जाने के बाद सरकारी स्कूल 80 प्रतिशत से अधिक उपस्थिति दर्ज कर रहे हैं. वहीं निजी स्कूल माता-पिता को कंसेंट फॉर्म भेजने की प्रक्रिया में हैं. इन स्कूलों में से अधिकतर दिवाली के बाद अपना प्लान ऑफ एक्शन तय करेंगे.
रोहिणी के एमआरजी स्कूल ने कहा कि वह अपने स्टाफ के पूर्ण टीकाकरण का इंतजार कर रहे हैं. शालीमार बाग के मॉडर्न पब्लिक स्कूल ने कहा कि वह दिवाली के बाद स्कूल खोलेंगे. वहीं अन्य निजी स्कूल जो दिवाली के बाद फिर से खुलेंगे, उनमें डीएवी पब्लिक स्कूल, पुष्पांजलि एन्क्लेव, इंडियन स्कूल और बाल भारती स्कूल, पीतमपुरा शामिल हैं.
डीडीएमए ने दिए कई निर्देश
स्कूलों को फिर से खोलने के लिए डीडीएमए द्वारा घोषित दिशानिर्देशों में प्रति कक्षा केवल 50 प्रतिशत छात्रों को अनुमति देना, थर्मल स्क्रीनिंग, लंच ब्रेक, अल्टरनेट सीटिंग और रूटीन गेस्ट विजिट पर रोक शामिल हैं. डीडीएमए ने कहा है कि कोविड कंटेनमेंट जोन में रहने वाले छात्रों, शिक्षकों और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को स्कूलों और कॉलेजों में आने की अनुमति नहीं होगी. साथ ही यह भी कहा है कि राशन वितरण और टीकाकरण जैसी गतिविधियों के लिए उपयोग किए जा रहे एरिया को कक्षाओं के हिस्से से अलग रखा जाए. बता दें की दिल्ली में स्कूलों को पिछले साल मार्च में महामारी के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन से पहले बंद करने का आदेश दिया गया था.
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