दिल्ली दंगाः युवक की आग लगाकर हत्या के मामले में 11 आरोप मुक्त, कड़कड़डूमा कोर्ट का फैसला

कोर्ट ने कहा कि अलग-अलग समय के दंगों के वीडियो में कई आरोपियों की पहचान की गई थी, लेकिन इन 2 चश्मदीदों में से किसी ने भी वीडियो के आधार पर उनकी पहचान नहीं की. जिससे यह कहा जा सके कि ये आरोपी गोदाम में आग लगने से ठीक पहले गोदाम में एंट्री करते वक्त शानू के साथ थे

Advertisement
दिल्ली दंगा केस में कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है (फाइल फोटो) दिल्ली दंगा केस में कोर्ट ने अहम फैसला सुनाया है (फाइल फोटो)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 25 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 11:44 PM IST

दिल्ली दंगे के दौरान गोकुलपुरी थाना क्षेत्र में मेन ब्रजपुरी रोड चमन पार्क स्थित मिठाई के गोदाम में युवक दिलबर नेगी की आग लगाकर की गई हत्या के मामले में कड़कड़डूमा कोर्ट ने 11 लोगों को आरोप मुक्त कर दिया है. इन लोगों के खिलाफ आगे मुकदमा चलाने लायक समुचित साक्ष्य नहीं मिले. केवल एक आरोपी शाहनवाज उर्फ शानू के खिलाफ हत्या, आगजनी समेत कई आरोप तय किए गए हैं. 

Advertisement

दरअसल, दिलबर उत्तराखंड के पौढ़ी गढ़वाल के रोखड़ा गांव का रहने वाला था. वह घटना से 6 महीने पहले यहां आया था, जिस वक्त उसकी हत्या की गई, वह खाना खा रहा था. 11 आरोपियों को बरी करते समय कोर्ट ने अभियोजन पक्ष के गवाहों के बयान पर गौर किया और पाया कि उनमें से सभी 22 साल के दिलबर नेगी की हत्या की घटना से सीधे तौर पर संबंधित नहीं थे.

कोर्ट ने कहा कि अलग-अलग समय के दंगों के वीडियो में कई आरोपियों की पहचान की गई थी, लेकिन इन 2 चश्मदीदों में से किसी ने भी वीडियो के आधार पर उनकी पहचान नहीं की. जिससे यह कहा जा सके कि ये आरोपी गोदाम में आग लगने से ठीक पहले गोदाम में एंट्री करते वक्त शानू के साथ थे. इसलिए शानू उर्फ शाहनवाज को छोड़कर अन्य आरोपी इस मामले में आरोपमुक्त किए जाने के हकदार हैं.

Advertisement

ट्रायल के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से पेश किए गए सार्वजनिक गवाहों ने अपने बयानों में कहा था कि दंगा हुआ था. दंगाइयों ने पथराव किया था और हिंदू विरोधी नारे लगाते हुए कई दुकानों और घरों में तोड़फोड़ कर आग लगा दी थी. दंगाई एक इमारत में भी घुस गए और अपनी जान बचाने के लिए बिल्डिंग में छिपे नेगी को जलाकर मार डाला. मृतक दिलबर नेगी, अनिल स्वीट कॉर्नर में वेटर का काम करता था.

घटना के बाद दिल्ली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ IPC धारा 147 (दंगा करने के लिए सजा), 148 (घातक हथियार से लैस दंगा), 149 (गैरकानूनी सभा), 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य मिटाने), 436 (आग से उत्पात) और 427 के तहत गोकलपुरी थाने में FIR दर्ज की थी. बाद में मामला दंगों की जांच के लिए बनी क्राइम ब्रांच की SIT को ट्रांसफर कर दिया था. इस मामले में 12 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था. जांच के बाद दिल्ली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ 4 जून 2020 को चार्जशीट दाखिल की थी.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement