दिल्ली में वर्षों से जमे कई IPS प्रतिनियुक्ति पर भेजे गए, जमे हैं कई IAS अफसर

कोरोना काल के बाद एक बार फिर ट्रांसफर पोस्टिंग विभाग ने रफ्तार पकड़ ली है. अकेले दिल्ली पुलिस से 1 दर्जन से ज्यादा आईपीएस प्रतिनियुक्ति पर भेज दिए गए हैं.

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कोरोना काल के बाद ट्रांसफर पोस्टिंग विभाग ने पकड़ी रफ्तार (सांकेतिक फोटो) कोरोना काल के बाद ट्रांसफर पोस्टिंग विभाग ने पकड़ी रफ्तार (सांकेतिक फोटो)

तनसीम हैदर

  • नई दिल्ली,
  • 04 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 10:33 AM IST
  • देवेश श्रीवास्तव मिजोरम के डीजी बनाए गए
  • आईपीएस प्रवीण रंजन चंडीगढ़ के डीजी बने

AGMUT CADRE के आईएएस-आईपीएस और DANIPS अधिकारियों का तबादला और पोस्टिंग भारत सरकार के गृह मंत्रालय के द्वारा किया जाता है. करीब 1300 AGMUT आईएएस और आईपीएस अधिकारियों की सेक्शन स्ट्रैंथ है. इसके अंतर्गत अरुणाचल प्रदेश, गोवा, मिजोरम और सभी केंद्र शासित प्रदेश जैसे कि जम्मू एंड कश्मीर, लद्दाख, चंडीगढ़, अंडमान, पांडिचेरी और दिल्ली आते हैं.

तीन से चार साल से यह देखा गया है कि जिन अधिकरियों ने अपना कार्यकाल दिल्ली में बहुत पहले ही पूरा कर लिया उन्हें अभी तक किसी खास वजहों से गृह मंत्रालय ने उनको बाहर नहीं भेजा है. दरअसल कई ऐसे अधिकारी हैं जो नियमों का फायदा उठा कर अपने आप को दिल्ली से जाने से बचा लेते हैं. और सालों से यहीं रहते हैं. ऐसे में वो अधिकारी जो बाहर से अपना कार्यकाल पूरा कर दिल्ली आने के इंतज़ार में रहते हैं, पोस्ट खाली न होने की वजह से उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. AGMU कैडर के कई ऐसे आईपीएस अधिकारी जो कि सुपर कॉप कहे जाते थे वो सालों से मेन स्ट्रीम लाइन में नहीं आ पाए.

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दरअसल आमतौर पर पांच साल के बाद अधिकारियों का ट्रांसफर दिल्ली से किसी दूसरे प्रदेश में कर दिया जाता है ताकि रोटेशन बनी रहे. लेकिन कुछ ऐसे अधिकरी हैं जो नियमों के कुछ लचीलेपन का फायदा उठाते हुए और अपने संपर्क से अपना ट्रांसफर रुकवा लेते हैं. और जब भी उनका ट्रांसफर नम्बर आता है, वो या तो मेडिकल लीव, स्टडी लीव या कुछ और वजहों के नाम पर छुट्टी लेकर चले जाते हैं. इस कारण से उनका नाम ट्रांसफर पोस्टिंग में नही आता है. और इस समय कई अधिकारी जैसे कि मनीषा सक्सेना, मधुप व्यास, निखिल कुमार, वर्षा जोशी, गीतांजली गुप्ता, अमित सिंह, विश्वेन्द्र अरविंद और संजीव आहूजा जो दिल्ली में किसी न किसी खास वजहों से यंहा सालों से जमे हुए हैं. हालांकि केंद्र सरकार या राज्य सरकार के पास विशेष पॉवर होता है किसी भी अधिकारी को रोकने या उसे अपने पास बुलाने का. 

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दिल्ली पुलिस के आईपीएस अधिकारियों की बात करें तो गृह विभाग ने हाल ही में दिल्ली पुलिस के कई आईपीएस अधिकारियों को दिल्ली से बाहर यूटी कैडर में भेजा और वापस भी बुलाया है. इन अधिकारियों में दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल के स्पेशल सीपी और आईपीएस ऑफिसर नीरज ठाकुर को डीजीपी अंडमान निकोबार और आईपीएस जसपाल सिंह को डीजीपी गोवा बनाया गया है. 

इसी तरह आईपीएस अधिकारी देवेश श्रीवास्तव मिजोरम के डीजी बनाए गए. आईपीएस प्रवीण रंजन चंडीगढ़ के डीजी बनाकर भेजे गए. आईपीएस मुकेश मीना गोवा डीजी से दिल्ली वापस लाए गए. आईपीएस वीनू बंसल को दिल्ली से मिजोरम भेजा गया. एसबीके सिंह डीजी मिजोरम को दिल्ली लाया गया है. जबकि आरपी उपाध्याय डीजी अरुणाचल को भी दिल्ली ट्रांसफर किया गया है. सतीश गोलचा को दिल्ली से अरुणाचल का डीजी बनाकर भेजा गया है. आईपीएस मधुर वर्मा अरुणाचल प्रदेश से दिल्ली, रविंदर यादव को अरुणाचल प्रदेश से दिल्ली लाया गया है.

जानकारों के मुताबिक इसका एक कारण यह भी है कि कोरोना काल से पहले कैडर अथॉरिटी की मीटिंग हर 6 महीने पर हुआ करती थी लेकिन 2020 के बाद से यानी कोरोना काल के चलते हर 6 महीने पर यह मीटिंग नहीं हो पाई जिसके चलते ट्रांसफर पोस्टिंग में इस तरह की लापरवाही हुई है.

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