दिल्ली में फिर लौटेगा ऑड-इवन, 1-15 नवंबर के बीच कृत्रिम बारिश की तैयारी में आतिशी सरकार

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने कहा, "पिछले 4 साल में 2 करोड़ पेड़ लगाए गए, वृक्षारोपण नीति से मदद मिली, दिल्ली की सड़कों पर 7545 पब्लिक ट्रांसपोर्ट बसें चल रही हैं. ईवी पॉलिसी सफल साबित हो रही है. दिल्ली ने अपना थर्मल पावर प्लांट बंद कर दिया है, लेकिन एनसीआर राज्यों में इसी तरह के प्लांट अभी भी चालू हैं."

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दिल्ली में ऑड-इवेन रूल (फाइल फोटो) दिल्ली में ऑड-इवेन रूल (फाइल फोटो)

अमित भारद्वाज

  • नई दिल्ली,
  • 25 सितंबर 2024,
  • अपडेटेड 1:35 PM IST

दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने वायु प्रदूषण से निपटने के लिए विंटर एक्शन प्लान का ऐलान कर दिया है. राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सर्दियों के दौरान वायु प्रदूषण से निपटने के लिए 21 सूत्री कार्य योजना लागू की जाएगी. गोपाल राय ने कहा, "वायु प्रदूषण को कंट्रोल करने के लिए दिल्ली के आस-पास के राज्यों और केंद्र सरकार को मिलकर काम करने की जरूरत है. 2016 से 2023 के बीच वायु प्रदूषण में 34.6 फीसदी की कमी दर्ज की गई है. दिल्ली में वनरोपण जैसी दीर्घकालिक योजना से वायु प्रदूषण में कमी लाने में मदद मिली."

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उन्होंने आगे कहा कि पिछले 4 साल में 2 करोड़ पेड़ लगाए गए, वृक्षारोपण नीति से मदद मिली, दिल्ली की सड़कों पर 7545 पब्लिक ट्रांसपोर्ट बसें चल रही हैं. ईवी नीति (Electric Vehicle Policy) सफल साबित हो रही है. दिल्ली ने अपना थर्मल पावर प्लांट बंद कर दिया है, लेकिन एनसीआर राज्यों में इसी तरह के प्लांट अभी भी चालू हैं.

गोपाल राय ने यह भी कहा कि दिल्ली सरकार ऑड-ईवन की तैयारी कर रही है. यह प्लान केवल इमरजेंसी उपाय के रूप में लागू किया जाएगा.

उन्होंने कहा, "हमने केंद्रीय पर्यावरण मंत्री को पत्र लिखकर सर्दियों के दौरान कृत्रिम बारिश कराने की अनुमति मांगी है. हम 1 नवंबर से 15 नवंबर के बीच कृत्रिम बारिश की तैयारी करना चाहते हैं, जब दिवाली के बाद और पराली जलाने के कारण प्रदूषण का स्तर चरम पर होने की उम्मीद है." उन्होंने बताया कि मंत्री ने अभी तक पत्र का जवाब नहीं दिया है.

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प्रदूषण की रियल-टाइम निगरानी

मंत्री गोपाल राय ने कहा कि प्रदूषण के हॉटस्पॉट इलाकों की ड्रोन के जरिए रियल-टाइम निगरानी की जाएगी. राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण की निगरानी के लिए पर्यावरण मंत्रालय, परिवहन मंत्रालय, दिल्ली नगर निगम और लोक निर्माण विभाग के कर्मियों सहित 86 सदस्यों वाली एक स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा.

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