दिल्ली में कुछ ही दिनों बाद नगर निगम चुनाव होने वाले हैं. दिल्ली के चांदनी चौक विधानसभा क्षेत्र में सिविल लाइन (83 N), चांदनी चौक (84N) और जामा मस्जिद (85 N) वार्ड आते हैं. इन्हीं इलाकों में दिल्ली के मुख्यमंत्री और तमाम मंत्रियों से लेकर लेफ्टिनेंट गवर्नर तक रहते हैं. नार्थ एमसीडी में पड़ने वाले सिविल लाइन्स पॉश और सरकारी बंगलो का इलाका है तो वहीं चांदनी चौक और जामा मस्जिद पुरानी दिल्ली के हिस्से हैं. यहां तंग गलियां और भीड़ भाड़ भरे बाजार, लाल किला और तमाम एतिहासिक धरोहरें हैं.
चांदनी चौक -
चांदनी चौक वार्ड में मौजूदा निगम पार्षद बीजेपी से रवि कप्तान है. वार्ड में लगभग 30 प्रतिशत मुस्लिम आबादी है. वहीं 70 प्रतिशत हिन्दू और सिख लोग रहते हैं और साथ में अपना व्यापार भी करते हैं. चांदनी चौक वार्ड अपने आप में दिल्ली के सबसे बड़ा धरोहर लाल किला और समेटा हुआ है, उसके साथ गौरी शंकर मंदिर , दिगंबर जैन मंदिर , शीश गंज गुरुद्वारा , फतेहपुरी मस्जिद जैसे धार्मिक स्थल है. जो वार्ड के लोगों को अनेकता में एकता के रूप में जोड़ता है. हाल में ही हुए चांदनी चौक में हुए पुनर्निर्माण में काफी लंबा वक्त लगा और उसके साथ कई वाद विवाद को लेकर वार्ड चर्चा में रहा है. इलाके में साफ सफाई की व्यवस्था तो दुरुस्त है, लेकिन पिछले काफी समय से चांदनी चौक में रिनोवेशन के काम से कारोबारियों में काफी निराशा थी. चाँदनी चौक वार्ड के निवासी और कारोबारी अरविंद खुराना का कहना है कि वार्ड में ज्यादातर कमर्शियल एरिया है. रिहायशी इलाके नाम के है जिसके कारण गलियों की साफ सफाई और मरम्मत को लेकर लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ती है.
सिविल लाइन -
सिविल लाइन वार्ड से मौजूदा निगम पार्षद बीजेपी से पूर्व मेयर अवतार सिंह है . वार्ड में मिक्स आबादी है, जिसमें हाई प्रोफाइल एरिया शामिल है. एलजी हाउस से लेकर दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री और उनके कई मंत्रियों का आवास सिविल लाईन वार्ड में आता है. इसलिए यहां साफ सफाई से लेकर सारी व्यवस्थाओं पर सभी एजेंसियों की खास नजर रहती है. वार्ड के सिर्फ एक एरिया आजाद मार्किट के उत्तरी हिस्से में लगता है. जिसे नवाबगंज के नाम से जाना जाता है. यहां ज्यादातर मुस्लिम वोटर है, लेकिन इलाके में सीवर लाइन , साफ सफाई कमी और गंदगी का भर मार रहती है. यहां के निवासी मो. नाजिर कहते है कि सिर्फ सिविल लाईन वार्ड के नवाब गंज इलाके पुरी तरीके से अनदेखी की जाती है. यहां समस्याओं का भंडार है, साफ सफाई से लेकर गलियों की हालत बद से बदतर है.
जामा मस्जिद -
जामा मस्जिद वार्ड से मौजूदा निगम पार्षद आम आदमी पार्टी से सुलताना आबाद हैं. जामा मस्जिद वार्ड में 70 प्रतिशत की आबादी मुस्लिम वोटरो की है और 30 प्रतिशत मिले जुले ओबीसी , पिछड़ा, एसएसटी वोटर्स हैं. वार्ड का नाम जामा मस्जिद वार्ड है तो आप इससे पता चल गया होगा कि यहां दिल्ली का सबसे बड़ा मुस्लिम धार्मिक स्थल जामा मस्जिद है. ये ना सिर्फ धार्मिक स्थल है बल्कि बाहर से काफी संख्या में पर्यटक भी इस जगह को देखने आते हैं. इलाके में घनी आबादी के कारण यहां सीवरेज सिस्टम काफी पुराना है. साफ सफाई की व्यवस्था मिला जुला रहता है तो वही गलियों और सड़कों में गड्ढों से लोग परेशान हैं. यहां के निवासी मो. इकबाल कहते है कि मौजूदा पार्षद ने कोई खास काम नहीं किया है. सुलताना आबाद पहले कांग्रेस पार्टी से चुनाव लड़कर आए थे. बाद में आम आदमी पार्टी में शामिल हो गए.
(इनपुट- आनंद कुमार)
अभिषेक आनंद