दिल्ली के पटपड़गंज स्थित मैक्स सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में एक 30 वर्षीय युवक की जान उस समय बचाई गई, जब वह लिवर फेलियर से जूझ रहा था और कार्डियक अरेस्ट के बाद CPR देकर उसे फिर से जिंदा किया गया. इसके बाद डॉक्टरों ने तुरंत लिवर ट्रांसप्लांट कर उसकी जान बचाई.
मरीज को वायरल हेपेटाइटिस के चलते गंभीर लिवर फेलियर हुआ था. अस्पताल के डायरेक्टर, एचपीबी सर्जरी व लिवर ट्रांसप्लांट विशेषज्ञ डॉ. अजीताभ श्रीवास्तव ने बताया कि मरीज की हालत तेजी से बिगड़ रही थी. शुरुआत में उसकी बहन को डोनर के रूप में चुना गया, लेकिन उसका लिवर छोटा पाया गया.
CPR देकर युवक को जिंदा किया
इसके बाद परिवार ने बहनोई को डोनर बनाने का प्रस्ताव दिया, लेकिन उनके दस्तावेजों की मंजूरी बाकी थी. इस बीच मरीज को कार्डियक अरेस्ट हुआ. डॉक्टरों ने तुरंत CPR देकर उसकी जान बचाई और वेंटिलेटर पर रखा.
9 घंटे चली सर्जी, मरीज की हालत स्थिर
हालात को देखते हुए परिवार की सहमति से डॉक्टरों ने बहन के लिवर से ट्रांसप्लांट करने का निर्णय लिया. यह सर्जरी करीब 9 घंटे चली. डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि यह हमारे लिए सबसे चुनौतीपूर्ण मामलों में से एक था. टीमवर्क और तेज निर्णय से यह संभव हो पाया. फिलहाल मरीज की हालत स्थिर है और डॉक्टरों की निगरानी में है.
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