आर्मी से मदद लेने में गुरेज क्यों? पढ़िए HC के सवाल पर दिल्ली सरकार ने क्या दी दलील

दिल्ली सरकार के वकील ने जवाब देते हुए कहा कि हम DRDO और राधा स्वामी को पहले ही अप्रोच कर चुके हैं. इसके बाद कोर्ट ने कहा कि क्या आपके कहने का मकसद यह है कि आप आर्मी को अप्रोच नहीं करेंगे?

Advertisement
दिल्ली हाईकोर्ट (फाइल फोटो) दिल्ली हाईकोर्ट (फाइल फोटो)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 01 मई 2021,
  • अपडेटेड 4:52 PM IST
  • टैंकरों के इंतजाम की जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर
  • दिल्ली को अपने हिस्से की  490MT ऑक्सीजन आपूर्ति हो सुनिश्चित
  • दिल्ली में अस्पतालों के अंदर बेड की डिटेल भी साझा करने को कहा गया

दिल्ली में ऑक्सीजन, मेडिसिन और बेड की उपलब्धता को लेकर शनिवार को दिल्ली हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान HC ने दिल्ली सरकार से पूछा - संकट के इस वक़्त में आर्मी की सहायता लेने से गुरेज क्यों?

दरअसल सुनवाई के दौरान एमिक्स क्यूरी राव ने दलील देते हुए कहा कि मेरी समझ से परे है, आखिर दिल्ली सरकार संकट की इस घड़ी में आर्मी, नेवी और एयरफोर्स की मदद लेने से क्यों हिचक रही है. निश्चित तौर पर हमारी सेना ऑक्सीजन उपलब्ध कराने के दूसरे बेहतर विकल्प दे सकती है. ऐसे में बजाए ये कहने  कि बिना ऑक्सीजन के बेड बेकार है, सैन्य बलों की सहायता लिए जाने पर विचार किया जाना चाहिए. 

Advertisement

वहीं दिल्ली सरकार के वकील ने जवाब देते हुए कहा कि हम DRDO और राधा स्वामी को पहले ही अप्रोच कर चुके हैं. इसके बाद कोर्ट ने कहा कि क्या आपके कहने का मकसद यह है कि आप आर्मी को अप्रोच नहीं करेंगे? इसके जवाब में दिल्ली सरकार ने कहा कि हम हर उस शख्स से मदद लेंगे, जो सहायता कर सकते हैं. 

इसके बाद कोर्ट ने कहा कि आर्मी के पास अपने संसाधन होंगे. हम आपको तीन दिन से इसके लिए बोल रहे हैं. आप ना जाने क्यों हिचक रहे हैं? जवाब में दिल्ली सरकार ने कहा कि इस बारे में उच्च स्तर पर विचार हो रहा है.

कोर्ट ने आगे कहा कि इसमें विचार की क्या बात है? आप सीधे अप्रोच कीजिए. कोर्ट ने कहा कि दिल्ली सरकार ने जो दस्तावेज दिए हैं उनसे यह साफ होता है कि ऑक्सीजन नहीं मिलने की बात सही नहीं है.

Advertisement

कोर्ट ने कहा कि हम चाहते हैं कि ऐसे समय में ऑक्सीजन जैसे मुद्दों पर झूठे दावे नहीं किए जाने चाहिए. जबकि हम महत्वपूर्ण मुद्दों से निपट रहे हैं. कोर्ट ने कहा कि ऐसी अर्जी समय की बर्बादी है और कुछ नहीं. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को चेतावनी देते हुए याचिका का निपटारा कर दिया. 
 
वहीं दिल्ली के अस्पतालों में बेड की कमी को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि लगता है कि अस्पतालों और नर्सिंग होम में बेड की चेकिंग नहीं हो रही है. लिहाजा केंद्र सरकार के अस्पताल, दिल्ली सरकार के अस्पताल, सभी निजी अस्पताल व नर्सिंग होम एक अप्रैल से रोजाना भर्ती कोविड मरीजों का डेटा देंगे. साथ ही इस दौरान रोजाना डिस्चार्ज हुए मरीजों की जानकारी भी देंगे

हाईकोर्ट ने कहा कि उन मरीजों का ब्योरा भी देंगे, जो दस दिन से ज्यादा अस्पताल में भर्ती रहे. उनको दिए बेड का ब्योरा देंगे. ये रिपोर्ट चार मई तक दाखिल करनी होगी. इस मुद्दे को लेकर अब 6 मई को अगली सुनवाई होगी.

हाईकोर्ट ने कहा है कि हम केंद्र को यह सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित देते हैं कि दिल्ली को अपने हिस्से की 490MT ऑक्सीजन की आपूर्ति आज (शनिवार), जैसे भी हो सुनिश्चित की जाए. क्योंकि दिल्ली औद्योगिक राज्य नहीं है. इसके पास क्रायोजेनिक टैंकर भी नहीं हैं.

Advertisement

हाईकोर्ट ने कहा कि टैंकरों के इंतजाम की जिम्मेदारी केंद्र सरकार पर है. दिल्ली को आवंटन 20 अप्रैल से लागू हुआ है. यह एक दिन के लिए नहीं है. दिल्ली को आवंटित गैस की आपूर्ति प्राप्त हुई है. यदि कोर्ट का आदेश लागू नहीं किया जाता है, तो सुनवाई की अगली तारीख पर संबंधित अधिकारी को कोर्ट में पेश होना होगा. आदेश लागू नहीं होने पर हम अवमानना ​​की कार्रवाई करने पर भी विचार कर सकते हैं.

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement