दिल्ली में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि अस्पतालों में 10% बेड्स ही भरे हुए हैं. 90% बेड्स खाली हैं. फिलहाल 40 हजार एक्टिव केस हैं, जबकि पिछली लहर में जब 40 हजार एक्टिव केस थे, तब अस्पतालों में सात गुना ज्यादा मरीज भर्ती हुआ करते थे. इस बार गंभीर मरीज कम हैं. उन्होंने कहा कि यदि किसी मरीज को हल्के लक्षण हैं तो होम आइसोलेशन में ही इलाज कराएं.
'दिल्ली में आज आएंगे 20 हजार के आसपास मामले'
सत्येंद्र जैन ने कहा कि आज दिल्ली में 20 हजार के आसपास मामले आएंगे और संक्रमण दर कल से एक या दो फीसदी अधिक दर्ज होगी. कोरोना हर जगह फैल रहा है तो हेल्थकेयर वर्कर्स में भी फैलेगा ही. ज्यादातर हेल्थकेयर वर्कर्स होम आइसोलेशन में हैं. उन्होंने साथ ही ये भी कहा कि अभी अलार्मिंग स्थिति नहीं है. दिल्ली में लाखों की संख्या में हेल्थकेयर वर्कर्स हैं और दिल्ली सरकार पूरी तरह तैयार हैं.
'डेल्टा लहर और आज की लहर में बहुत बड़ा फर्क'
जैन ने कहा- हेल्थ असिस्टेंट भी तैयार हैं. उनकी ट्रेनिंग पूरी हो चुकी है. उन्हें जरूरत पड़ने पर डिप्लॉय किया जाएगा. बेसिक पेशेंट केयर के लिए नर्सिंग असिस्टेंट के तौर पर ड्यूटी लगाई जाएगी. पिछली डेल्टा लहर और आज की लहर में बहुत फर्क है. पिछली लहर में जब 17 हजार मामले आए थे तब ढाई हजार मरीज अस्पताल में भर्ती हुए थे और अभी 17 हजार मामले आए हैं तो 200 से 300 मरीज ही अस्पताल में भर्ती हुए हैं.
'3 दिन से अच्छा दिख रहा है कोविड बिहेवियर'
उन्होंने कहा - अभी अस्पतालों में ऐसे मरीज ज्यादा हैं जो दूसरी बीमारी का इलाज कराने अस्पताल पहुंचे तो कोरोना के संपर्क में आए हैं. दिल्ली ने देश में सबसे पहले बहुत सारी पाबंदियां लगाई हैं. पिछले 3 दिन से कोविड बिहेवियर अच्छा देखने मिल रहा है. 100% लोग मास्क लगा रहे हैं. लॉकडाउन का दूसरा रूप है फेस को लॉक करना यानी फेस पर मास्क पहनना. अगर 100% लोग घर से बाहर निकलते समय मास्क पहन लें तो लॉकडाउन से भी ज्यादा फायदा होगा. दिल्ली में रोजाना 1 लाख टेस्ट किए जा रहे हैं. पिछली लहर में जब दिल्ली में 17 हजार मामले आए थे तब 200 से ज्यादा मौत हो रहीं थी लेकिन आज 9 मौत के मामले ही दर्ज हुए हैं. इन 9 लोगों में वे लोग हैं जिन्हें पहले से कोई गंभीर बीमारी थी. इन्हें वैक्सीन लगी थी या नहीं इसका आंकलन ऐसे करना होगा कि दिल्ली में 100% लोगों को पहला डोज और 75% लोगों को दोनों डोज लग चुके हैं.
'इतने अधिक मामलों की जीनोम सिक्वेंसिंग संभव नहीं'
दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री ने आगे कहा- पहले 200 मामले रोज दर्ज हो रहे थे, तब सभी मामलों की जीनोम सिक्वेंसिंग हो रही थी. अब 15 हजार से ज्यादा मामले आ रहे हैं तो जीनोम सिक्वेंसिंग नहीं कराई जा सकती है. पहले जीनोम सिक्वेंसिंग कराने का मकसद यही था कि ओमिक्रॉन है या नहीं, पता लग सके. अब तो पता चल चुका है कि दिल्ली में ओमिक्रॉन आ गया है. 30 और 31 दिसंबर की रिपोर्ट में 81% लोगों में ओमिक्रॉन पाया गया था. अब तक दिल्ली में ओमिक्रॉन की वजह से कोई मौत नहीं हुई है. भगवान से प्रार्थना करते हैं कि जल्द से जल्द पीक आए और नंबर नीचे जाना शुरू हों.
पंकज जैन