राशन डिलीवरी पर केंद्र की रोक के बाद आज अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक करेंगे केजरीवाल

इस बैठक में सीएम केजरीवाल के अलावा खाद्य एंव नागरिक आपूर्ति मंत्री और आयुक्त भी मौजूद रहेंगे. सुबह 11 बजे यह बैठक शुरू होगी. इस दौरान इस योजना से जुड़े तमाम बिंदुओं पर चर्चा की जाने की बात कही गई है.

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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल. (फाइल फोटो) दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल. (फाइल फोटो)

पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 20 मार्च 2021,
  • अपडेटेड 10:12 AM IST
  • केंद्र ने शुक्रवार को योजना पर लगा दी थी रोक
  • आज अधिकारियों संग केजरीवाल करेंगे समीक्षा
  • दिल्ली में राशन की डोर स्टेप डिलीवरी पर केंद्र राज्य में रार

राजधानी दिल्ली में राशन की डोर स्टेप डिलीवरी के मामले को लेकर केंद्र और राज्य के बीच तकरार बढ़ती नजर आ रही है. केंद्र सरकार की तरफ से शुक्रवार को  'मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना' पर रोक लगा दी गई थी. अब सूबे के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज यानी 20 मार्च को समीक्षा बैठक बुलाई है.

इस बैठक में सीएम केजरीवाल के अलावा खाद्य एंव नागरिक आपूर्ति मंत्री और आयुक्त भी मौजूद रहेंगे.सुबह 11 बजे यह बैठक शुरू होगी. इस दौरान इस योजना से जुड़े तमाम बिंदुओं पर चर्चा की जाने की बात कही गई है. केजरीवाल सरकार ने यह बैठक ऐसे में बुलाई है जब बीते शुक्रवार को केंद्र सरकार ने दिल्ली की इस योजना पर रोक लगा दी.

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25 मार्च से लागू होने वाली थी योजना

राजधानी दिल्ली में 25 मार्च से यह योजना लागू होनी थी. केजरीवाल सरकार इसे लॉन्च करने की तैयारी में थी. इस योजना का नाम मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना रखा गया है. इस स्कीम को रोके जाने के फैसले पर केजरीवाल सरकार ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है. केजरीवाल सरकार ने ट्वीट कर कहा था कि मोदी सरकार राशन माफिया खत्म करने के खिलाफ क्यों है?

Centre stops Doorstep Delivery of Ration Scheme!

Kejriwal Govt's Mukhya Mantri Ghar Ghar Ration Yojana was scheduled to be launched on 25th March '21.

Why is Modi Govt against ending Ration Mafia?

— AAP (@AamAadmiParty) March 19, 2021

वहीं, इस स्कीम को लेकर केंद्र सरकार का कहना है कि नेशनल फूड सिक्योरिटी एक्ट के तहत केंद्र राज्यों को राशन मुहैया कराता है. ऐसे में इस योजना में कोई परिवर्तन नहीं किया जा सकता है.

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संशोधित बिल को लेकर भी जारी है बवाल

बता दें कि दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के बीच पहले ही NCT-एक्ट के संशोधित बिल को लेकर भी विवाद जारी है. केंद्र सरकार संसद में एक बिल लाई है, जिसके तहत दिल्ली में उपराज्यपाल के अधिकारों में बढ़ोतरी होगी. बिल के मुताबिक, दिल्ली सरकार को कोई कानून बनाने से पहले उपराज्यपाल को सूचित करना होगा और मंजूरी लेनी होगी.

 

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