दिल्ली: 100 बेड्स के साथ निगम का तीसरा कोविड अस्पताल कोरोना से जंग को तैयार

बताया जा रहा है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने मात्र 15 दिनों के अंदर निगम का तीसरा अस्पताल कोरोना मरीज़ों के उपचार के लिए तैयार किया है. ऐसे में दिल्ली के लोगों के लिए ये बड़ी राहत होने जा रही है और बेड को लेकर जो मारामारी देखने को मिल रही है, वो भी कम हो सकती है.

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100 बेडों के साथ निगम का तीसरा कोविड अस्पताल 100 बेडों के साथ निगम का तीसरा कोविड अस्पताल

राम किंकर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 29 अप्रैल 2021,
  • अपडेटेड 9:59 PM IST
  • दिल्ली में 100 बेड्स वाला नया अस्पताल
  • 15 दिन में निगम का तीसरा अस्पताल
  • दिल्ली में कोरोना की विस्फोटक स्थिति

दिल्ली में कोरोना की विस्फोटक स्थिति बनी हुई है और रोजाना कई लोग अपनी जान गंवा रहे हैं. बढ़ते केसों के बीच अस्पतालों में हालात भी बिगड़ते जा रहे हैं. कहीं पर बेड नहीं मिल रहे हैं तो कहीं पर ऑक्सीजन खत्म होने की कगार पर है. इस वजह से मरीज और उनके परिजनों के लिए कोरोना की ये लड़ाई काफी मुश्किल बन गई है. अब स्थिति को समझते हुए उत्तरी दिल्ली नगर निगम जल्द ही तिमारपुर स्थित बालक राम अस्पताल में 100 बेड्स की सुविधा शुरू करने जा रहा है.

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100 बेड्स वाला नया अस्पताल

बताया जा रहा है कि उत्तरी दिल्ली नगर निगम ने मात्र 15 दिनों के अंदर निगम का तीसरा अस्पताल कोरोना मरीज़ों के उपचार के लिए तैयार किया है. ऐसे में दिल्ली के लोगों के लिए ये बड़ी राहत होने जा रही है और बेड को लेकर जो मारामारी देखने को मिल रही है, वो भी कम हो सकती है. वैसे निगम की तरफ से अधिकारियों को अस्पताल में कोरोना मरीजों के साथ आए परिजनों के लिए अलग से वेटिंग रूम, हेल्प डेस्क, वाटर कूलर व काढ़े की व्यवस्था करने के निर्देश दिए गए हैं.

दिल्ली में बेकाबू कोरोना

इसके अलावा  निगम अधिकारियों के साथ कोरोना संक्रमण के रोकथाम के संबंध में बायो मेडिकल वेस्ट, क्षेत्रों में सैनिटाइजेशन अधिकारियों को श्मशान घाटों पर और प्लेटफ़ॉर्म बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं. अब इन तमाम निर्देशों पर कब तक अमल किया जाता है, इस पर सभी की नजर रहने वाली है. अभी के लिए तो दिल्ली में कोरोना की स्थिति डराने वाली है और सामने आ रहे आंकड़े भी चिंता में डाल रहे हैं. अब क्योंकि मौतें भी ज्यादा होने लगी हैं, ऐसे में श्मशान घाटों में भी अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं मिल रही है.

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श्मशान घाट में अंतिम संस्कार की जगह नहीं

स्थायी समिति के अध्यक्ष छैल बिहारी गोस्वामी ने बताया कि दिल्ली सरकार से वन विभाग को अंतिम संस्कार के लिए लकड़ियां उपलब्ध हो क्योंकि मृतकों की संख्या में काफ़ी बढ़ोतरी हो गई है. उत्तरी दिल्ली नगर निगम के पास 15 अप्रैल तक 230 शवों के दाह संस्कार की क्षमता थी, लेकिन 10-12 दिनों में कुल क्षमता को बढ़ाकर 570 कर दी गई है. मौजूदा क्षमता को बढ़ाने के साथ-साथ अंतिम संस्कार के लिए 3 नए स्थानों का विकास किया गया है. कुल 570 में से, 304 लकड़ी के प्लेटफ़ॉर्म और 54 सीएनजी के प्लेटफ़ॉर्म कोरोना मृतकों के लिए आरक्षित किए गए हैं और बाक़ी प्लेटफ़ॉर्म पर सामान्य रूप से अंतिम संस्कार की प्रक्रिया की जा रही है.

पेड़ की वजह से नजफगढ़ में नहीं बन पा रहा अस्पताल

वैसे एक अस्पताल तो दिल्ली के नजफगढ़ में भी बनने वाला था. लेकिन एक पेड़ की वजह से वो काम बीच में ही अटक गया और अब उस पर सिर्फ सियासत होती दिख रही है. भाजपा सांसद प्रवेश साहिब सिंह ने आरोप लगाया कि नजफगढ़ के निर्माणाधीन 100 बिस्तरों वाले अस्पताल का कार्य दिल्ली सरकार द्वारा वहां से पेड़ हटाये जाने की अनुमति न देने की वजह से पूरा नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कहा कि पेड़ों को अस्पताल क्षेत्र से बाहर लगाने की अनुमति केजरीवाल सरकार से बीते 3 सालों से मांगी जा रही है, लेकिन वो मंजूरी अभी तक नहीं दी गई है.

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