दिल्ली: पहला प्राइवेट स्कूल जो बना कोरोना केयर सेंटर, 40 बेड्स की सुविधा

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि आज पूरे विश्व एक कठिन समय से गुज़र रहा है और 22 अप्रैल से 5 मई तक का समय दिल्ली के लिए काफी मुश्किल भरा था. इस समय कोरोना के सबसे ज़्यादा मामले आ रहे थे.

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प्राइवेट स्कूल बना कोविड केयर सेंटर (फोटो- आजतक) प्राइवेट स्कूल बना कोविड केयर सेंटर (फोटो- आजतक)

पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 10 मई 2021,
  • अपडेटेड 6:48 PM IST
  • माउंट कार्मेल स्कूल ने ऑडिटोरियम को बनाया कोविड सेंटर
  • दवाइयां और बाकी स्वास्थ्य सुविधाओं से लैस

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सोमवार को माउंट कार्मेल स्कूल सोसाइटी, द्वारका द्वारा शुरू किए गए 40 बेड्स के विजय विलियम कोरोना केयर सेंटर का दौरा किया. स्कूल ने अपने ऑडिटोरियम को कोरोना केयर सेंटर में बदला है. इस सेंटर पर ऑक्सीजन बेड्स, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, सभी जरूरी दवाइयां उपलब्ध हैं. उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया कि इस कोरोना केयर सेंटर को ज़रूरत पड़ने पर किसी बड़े अस्पताल से भी लिंक किया जा सकता है. 

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उन्होंने बताया कि स्कूल के संस्थापक डॉ. वीके विलियम के मृत्यु होने के बाद भी मुश्किल समय में माउंट कार्मेल स्कूल द्वारा उठाया गया, ये कदम बहुत ही मानवता भरा है. उन्होंने कहा कि इस सेंटर में मौजूद बेड्स, और बाकी सुविधाएं हमें आत्मविश्वास देती है कि हमारे पास इस संकट से लड़ने के लिए संसाधन हैं.

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आज पूरे विश्व एक कठिन समय से गुज़र रहा है और 22 अप्रैल से 5 मई तक का समय दिल्ली के लिए काफी मुश्किल भरा था. इस समय कोरोना के सबसे ज़्यादा मामले आ रहे थे. संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही थी. इस दौरान हमने अस्पतालों में बेड्स की संख्या 6 हज़ार से बढ़ाकर 20 हज़ार कर दी. लेकिन हम ऑक्सीजन की कमी से जूझ रहे थे. 

कोरोना ऐप पर जानकारी मिलती थी कि अब अस्पतालों में केवल 300-400 बेड्स बचे हुए हैं. लेकिन अब दिल्ली में कोरोना संक्रमण दर कम होता जा रहा है. अस्पतालों में भी बेड्स खाली हो रहे हैं. ये दिखाता है कि हम संकट के दौर से धीरे-धीरे बाहर निकल रहे हैं. जिसका श्रेय डॉक्टरों और कोरोना योद्धाओं को जाता है.

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