Delhi Bomb Blast: कोई प्रिंटिंग प्रेस में करता था काम, कोई ई-रिक्शा चलाकर पालता था परिवार... दिल्ली लाल किला ब्लास्ट की दर्दनाक कहानियां

दिल्ली के लाल किला धमाके में मारे गए लोगों की कहानियां देशभर के छोटे-छोटे कस्बों तक दर्द फैलाकर गई हैं. श्रावस्ती, मेरठ, शामली, देवरिया और अमरोहा जैसे जिलों से आए ये लोग रोज़मर्रा की ज़िंदगी के संघर्ष में जुटे थे. किसी के बच्चे छोटे हैं, कोई बूढ़े मां-बाप का सहारा था. धमाके ने सब कुछ छीन लिया.

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धमाके में कई लोगों ने अपनों को खो दिया. (Photo: PTIG) धमाके में कई लोगों ने अपनों को खो दिया. (Photo: PTIG)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 9:15 PM IST

दिल्ली के लाल किला के पास हुआ धमाका न सिर्फ राजधानी को हिलाकर गया, बल्कि सैकड़ों किलोमीटर दूर बैठे परिवारों के घरों में मातम ला गया. उत्तर प्रदेश और बिहार के कई जिलों से आए मजदूर, ड्राइवर, दुकानदार और कामगार इस हादसे के शिकार बने.

श्रावस्ती के दिनेश मिश्रा का टूटा सपना
श्रावस्ती के गणेशपुर गांव के 32 वर्षीय दिनेश मिश्रा दिल्ली के चावड़ी बाजार में प्रिंटिंग प्रेस में काम करते थे. पत्नी और तीन बच्चों का खर्च उठाने के लिए वह दिन-रात मेहनत करते थे. दिवाली पर घर आए थे, लेकिन अब उनका शव लौट रहा है. पिता भूरे मिश्रा ने कहा, 'वो बच्चों की पढ़ाई का सपना देखता था, अब सब खत्म हो गया.'

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मेरठ में मोहसिन की मौत 
मेरठ के मोहसिन दो साल पहले दिल्ली गए थे और ई-रिक्शा चलाकर परिवार का पेट पालते थे. धमाके में उनकी मौत के बाद जब शव घर पहुंचा, तो पत्नी सुल्ताना और माता-पिता के बीच अंतिम संस्कार को लेकर विवाद हो गया. सुल्ताना चाहती थीं कि उन्हें दिल्ली में दफनाया जाए, जबकि परिवार मेरठ में चाहता था. आखिरकार पुलिस की मदद से शव को सुपुर्द-ए-खाक किया गया.

शामली के नौमान की अधूरी ज़िंदगी
शामली के 18 वर्षीय नौमान अंसारी दिल्ली कॉस्मेटिक का सामान खरीदने आए थे. धमाके में उनकी मौत हो गई, जबकि उनके साथ गए चचेरे भाई अमन घायल हैं और दिल्ली के लोकनायक अस्पताल में भर्ती हैं. परिवार को यह खबर सुबह फोन पर मिली, जिसके बाद घर में कोहराम मच गया.

देवरिया के शिवा जयसवाल बाल-बाल बचे
देवरिया के 22 वर्षीय शिवा जयसवाल कपड़ों की दुकान चलाते थे और दिवाली के लिए नया माल खरीदने दिल्ली गए थे. धमाके में घायल हुए शिवा अभी लोकनायक अस्पताल में भर्ती हैं. उनकी मां माया जयसवाल ने कहा, 'भगवान का शुक्र है कि बेटा बच गया, वरना सब खत्म हो जाता.'

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अमरोहा के अशोक और बिहार के पंकज की दर्दनाक मौत
अमरोहा के डीटीसी कंडक्टर अशोक कुमार और बिहार के टैक्सी ड्राइवर पंकज साहनी भी धमाके में मारे गए. पंकज की कार पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई और सिर का पिछला हिस्सा उड़ गया. उनके परिवार के लोग अब भी सदमे में हैं.

एनआईए कर रही जांच, 10 की मौत
धमाके में अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है. जांच एनआईए को सौंप दी गई है और मामला यूएपीए व विस्फोटक अधिनियम के तहत दर्ज हुआ है. दिल्ली और आसपास के राज्यों में हाई अलर्ट जारी है.

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