दिल्ली में सोमवार को लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास हुए धमाके ने पूरे शहर को झकझोर दिया. इस विस्फोट में 10 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हो गए. धमाका इतना जोरदार था कि शरीर के टुकड़े आसपास के जैन मंदिर तक जा पहुंचे. लोगों ने बताया कि उन्होंने ऐसा भयानक दृश्य पहले कभी नहीं देखा था.
'ऐसा लगा जैसे भूकंप आ गया हो'
चांदनी चौक में बैग बेचने वाली करमजोत ने बताया, 'धमाके के बाद लोग लाल किले की तरफ से चीखते-चिल्लाते भागते आए. मैं भागकर गुरुद्वारे में छिप गई.' जैन मंदिर स्पोर्ट्स क्लब में काम करने वाले जे.पी. मिश्रा ने कहा, 'जब मैं पहुंचा तो चारों ओर लाशें बिखरी थीं. कुछ शरीर के हिस्से मेरे पैरों के नीचे आ गए.'
परिवार रातभर नहीं सो पाए, बच्चों में दहशत
जैन मंदिर के पास रहने वाली 45 वर्षीय कर्मायता देवी ने कहा, 'जमीन हिल रही थी, जैसे भूकंप आ गया हो. मेरा 15 साल का बेटा लाशें देखकर डर गया. शरीर के कुछ हिस्से मंदिर के अंदर तक आ गए थे.' 10 साल की प्रिया ने बताया, 'धमाका इतना जोरदार था कि घर की छत का सीमेंट टूटकर गिर गया. हम पूरी रात नहीं सो पाए.'
दुकानदारों में डर और नुकसान की चिंता
धमाके की आवाज सुनते ही दुकानें बंद हो गईं. चांदनी चौक के दुकानदार चंदन ने बताया, 'सब कुछ सफेद धुएं में बदल गया था. जब पता चला कि बम फटा है, तो तुरंत दुकान बंद कर दी.' एक अन्य दुकानदार, लक्षय ने कहा, 'आज दुकानें खोलने आए, लेकिन पुलिस ने बंद करवा दीं. इससे हमारे कारोबार पर बड़ा असर पड़ेगा. लोग अब डर की वजह से यहां खरीदारी करने नहीं आएंगे.'
इलाके में पसरा सन्नाटा, जांच जारी
धमाके के बाद से पूरा इलाका खामोश है. चांदनी चौक की गलियां जो कभी रौनक से भरी रहती थीं, अब पुलिस की नाकेबंदी और डर के साए में हैं. जांच एजेंसियां लगातार साक्ष्य जुटा रही हैं और यह समझने की कोशिश कर रही हैं कि इस भयानक धमाके के पीछे कौन था.
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