दिल्ली में सस्ती होगी प्रॉपर्टी, रियल एस्टेट निवेश को बढ़ावा देने के लिए DDA ने लिए अहम फैसले

दिल्ली में रियल स्टेट में निवेश को बढ़ाने के लिए डीडीए ने कई अहम फैसले लिए हैं. कमीशन शुल्क को 10 प्रतिशत से घटाकर एक प्रतिशत कर दिया गया है. इससे निवेशक राजधानी में निवेश करने के लिए आकर्षक होंगे. आने वाले दिनों में और स्कीम लाए जाएंगे.

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दिल्ली में रियल एस्टेट निवेश को बढ़ावा देने के लिए DDA ने लिए अहम फैसले  (File Photo: Representational) दिल्ली में रियल एस्टेट निवेश को बढ़ावा देने के लिए DDA ने लिए अहम फैसले (File Photo: Representational)

कुमार कुणाल

  • नई दिल्ली,
  • 12 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 7:30 AM IST

दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) ने राजधानी में कमर्शियल डेवलपमेंट और निवेश को बढ़ाने के लिए कई अहम फैसले शुक्रवार को हुई बैठक में लिए हैं. यह तय किया गया है कि कॉमर्शियल प्रॉपर्टी की मिलान शुल्क (कमीशन शुल्क) को 10 प्रतिशत से घटाकर सिर्फ 1 प्रतिशत कर दिया जाएगा.

डीडीए ने क्यों किए ये बदलाव?

अभी तक दिल्ली में कमीशन शुल्क बहुत ज्यादा था, इसलिए बहुत से डेवलपर आस-पास के इलाके, जैसे- नोएडा और गुरुग्राम जैसे NCR शहरों में प्रोजेक्ट शुरू कर रहे थे, जहां यह शुल्क कम है.

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अब शुल्क घटाने से उम्मीद है कि डेवलपर्स दिल्ली में भी बड़े प्रोजेक्ट बनाएंगे, जिससे रोजगार और निवेश दोनों को बढ़ावा मिलेगा.

DDA ने यह भी ऐलान किया है कि वह जल्द ही प्रीमियम हाउसिंग योजना भी शुरू करेगी, जिससे लोगों को बेहतर और मॉर्डन हाउस के विकल्प मिल सकेंगे.

यह भी पढ़ें: दिल्ली में पेड़ों की कटाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट सख्त, एलजी और डीडीए के पूर्व उपाध्यक्ष से मांगा जवाब

दिल्ली में कमर्शियल प्रॉपर्टी की नीलामी अब सस्ती, निवेशकों के लिए बढ़ेगा आकर्षण

DDA ने कमर्शियल प्रॉपर्टी की नीलामी प्रक्रिया को और भी लुभावना बनाने के लिए बड़ा फैसला लिया गया है. अब तक डीडीए नीलामी के लिए सर्कल रेट का दोगुना मूल्य तय करता था, लेकिन अब इसे घटाकर सिर्फ 1.5 गुना कर दिया गया है. 

इस फैसले से उम्मीद है कि और ज्यादा निवेशक आगे आएंगे और दिल्ली के रियल एस्टेट मार्केट में नई जान आएगी.

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किस आधार पर हुआ यह बदलाव?

ये फैसले उपराज्यपाल वीके सक्सेना द्वारा गठित सरकार-उद्योग संयुक्त टास्क फोर्स की सिफारिशों के आधार पर लिए गए हैं. टास्क फोर्स ने बताया था कि दिल्ली में उच्च सर्कल रेट और उस पर तेज नीलामी गुणांक की वजह से निवेशक और डेवलपर नोएडा, गुरुग्राम जैसे शहरों की ओर रुख कर रहे थे, जहां संपत्तियों की बाजार दरें ज्यादा प्रैक्टिल हैं. 

अब क्या उम्मीद है?

इन बदलावों के बाद दिल्ली में व्यावसायिक प्रॉपर्टी खरीदना और निवेश करना सस्ता होगा और जिससे नौकरी और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा. 

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