दिल्ली के दक्षिणी रिज में सैकड़ों पेड़ काटे जाने पर उपराज्यपाल, डीडीए और दिल्ली सरकार के बीच विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान पेड़ों की कटाई की पूरी प्रक्रिया के ऑरिजनल रिकॉर्ड तलब किए गए. कोर्ट ने उपराज्यपाल के हलफनामे पर शक जताते हुए कहा कि उनकी इस दलील पर विश्वास नहीं होता कि उन्हें जून में पेड़ काटे जाने का पता चला. यानी डीडीए और उसके अध्यक्ष के बयानों में कोई तालमेल नहीं दिखा.
कोर्ट ने कहा कि डीडीए के अधिकारियों ने 16 फरवरी 2024 को लापरवाही और बड़ी गलती करते हुए पेड़ कटवाए. हमारे सामने सवाल है कि आखिर किसने इन पेड़ों को काटने की अनुमति दी?
बेंच ने डीडीए से पूरे मामले की फाइल तलब करते हुए दिल्ली विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष यानी उपराज्यपाल वीके सक्सेना और डीडीए के पूर्व उपाध्यक्ष शुभाशीष पांडा से भी जवाबी हलफनामा सोमवार तक दाखिल करने को कहा है.
कोर्ट ये जानना चाहता है कि आखिर पेड़ काटने की प्रक्रिया कब, कहां, कैसे और किस-किस की इजाजत से आगे बढ़ी. उपराज्यपाल जो कि डीडीए के चेयरपर्सन भी हैं, उनके हलफनामे के बाद कोर्ट ने ये आदेश दिया है, ताकि असलियत की तह तक पहुंचा जा सके. इस मामले में अगली सुनवाई मंगलवार को होगी.
संजय शर्मा