पीडब्लूडी घोटाला में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के साढू सुरेन्द्र कुमार बंसल की अग्रिम जमानत के लिए लगाई गई अर्जी को तीस हजारी कोर्ट ने खारिज कर दिया है. उनके लिए राहत की खबर यह है कि कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से कहा है कि एफआईआर दर्ज करने से 2 दिन पहले मामले के आरोपी को सूचित किया जाए.
सुनवाई के दौरान पीडब्लूडी घोटाला में एफआईआर दर्ज करने के लिए दिल्ली पुलिस ने कोर्ट से दो हफ्ते का समय मांगा है. कोर्ट में पीडब्ल्यूडी और दिल्ली पुलिस ने कहा है कि कोर्ट के आदेश के बाद उन्होंने दस्तावेजों को सीज करके जांच शुरू कर दी है. मामले की अगली सुनवाई 25 फरवरी को होगी.
सुनवाई के दौरान कोर्ट में शिकायतकर्ता ने कहा कि उनको और उनके परिवार वालों को लगातार धमकियां मिल रही हैं. कोर्ट ने पुलिस को जांच कर दो दिन में जवाब देने के लिए कहा है. ताकि ये साफ हो सकें कि शिकायतकर्ता को किसी प्रोटक्शन की जरुरत है या नहीं. शिकायतकर्ता की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि आरोपी को विशेष छूट नहीं मिलनी चाहिए. क्योंकि निर्माण कार्य में घपला हुआ है जिसके दस्तावेज पुलिस को सौंपे जा चुके हैं.
पिछली सुनवाई के दौरान एक्शन टेकन रिपोर्ट कोर्ट में न जमा कराने पर दिल्ली पुलिस को तीस हजारी कोर्ट ने कड़ी फटकार लगाई थी. कोर्ट ने पुलिस को यहां तक कह दिया था कि वो सीआरपीसी हमें न समझाए. नाराज कोर्ट ने इस मामले में आर्थिक अपराध शाखा के डीसीपी और पीडब्लयूडी के सेक्रेटरी को इस मामले में पेश होने का आदेश दिया था.
दरअसल, रोड एंटी करप्शन ऑर्गेनाइजेशन नाम के एक एनजीओ ने शिकायत की थी कि केजरीवाल के साढू सुरेंद्र कुमार बंसल ने पीडब्ल्यूडी विभाग से 'अनुचित तरीके से' मोटा मुनाफा कमाया है. दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने बंसल के खिलाफ प्रारंभिक जांच के आदेश पहले ही दे रखे हैं. कोर्ट ने पुलिस को इस मामले से जुड़े पीडब्ल्यूडी विभाग के सारे दस्तावेज जब्त करने का भी निर्देश दिया है.
गौरतलब है कि एक एनजीओ ने आरोप लगाया है कि केजरीवाल ने अपने साढू सुरेंदर कुमार बंसल को 2014 से 2016 के बीच कई निर्माण कार्यों का सरकारी ठेका दिलाया. इसमें कई फर्जी कंपनी बनाकर करोड़ों का काम दिखाया गया और फिर कागजों पर ही काम दिखलाकर पैसे हड़प लिए गए. एनजीओ का कहना है कि उनके पास करीब 8 करोड़ के घोटाले हैं, जो सुरेन्द्र कुमार बंसल के कंपनी के नाम हैं.
पूनम शर्मा