दिल्ली के अस्पतालों-रिफिल स्टेशनों में कैसी है ऑक्सीजन की स्थिति, 2 दिन में 50% बढ़ा स्टॉक

दिल्ली में ऑक्सीजन स्टॉक में वृद्धि के कारण अब अन्य राज्यों में भी ऐसी ही मांग बढ़ गई है. उत्तर भारत के राज्यों राजस्थान, उत्तराखंड, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य भी ऑक्सीजन के उच्च आवंटन की मांग कर रहे हैं.

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दिल्ली में ऑक्सीजन कमी को दूर करने की कोशिश जारी (सांकेतिक-पीटीआई) दिल्ली में ऑक्सीजन कमी को दूर करने की कोशिश जारी (सांकेतिक-पीटीआई)

राहुल श्रीवास्तव

  • नई दिल्ली,
  • 08 मई 2021,
  • अपडेटेड 9:21 PM IST
  • केंद्र ने दिल्ली को 730 MT मेडिकल ऑक्सीजन की सप्लाई की
  • दिल्ली में ऑक्सीजन स्टॉक पिछले दो दिनों में 50% से अधिक बढ़ा
  • टैंकर्स और कंटेनर्स को खाली करने में लग रहे 50 से ज्यादा घंटे

कोरोना के लगातार बढ़ते मामलों के बीच राजधानी दिल्ली समेत कई जगहों पर ऑक्सीजन की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है, साथ ही लोगों को खासी दिक्कतें भी हो रही हैं. इस बीच केंद्र सरकार की एजेंसियों ने दिल्ली के सरकारी और निजी अस्पतालों के अलावा रिफिल स्टेशनों का सर्वे किया है जिसके मुताबिक दिल्ली में अब ऑक्सीजन की कमी नहीं है.

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केंद्रीय सरकार से जुड़े सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में ऑक्सीजन डायवर्जन राष्ट्रीय आपूर्ति श्रृंखला को प्रभावित कर रहा है. सूत्रों का यह भी दावा है कि दिल्ली में अपर्याप्त उपयोग और ऑक्सीजन के डायवर्जन की संभावना है. केंद्र आवश्यक जरूरतों और आवश्यकताओं से परे जाकर दिल्ली को ऑक्सीजन सप्लाई जारी रखे हुए है, जबकि अन्य राज्यों को उनके बढ़ते मामलों के आधार पर समान वितरण से वंचित करेगा.

सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर केंद्र ने दिल्ली को 730 एमटी ऑफ लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन (LMO) की सप्लाई की थी. फिलहाल दिल्ली के अस्पतालों और रिफिल स्टेशनों में ऑक्सीजन स्टॉक पिछले दो दिनों में 50% से अधिक बढ़ गया है.

अस्पतालों में औसत स्टॉक दैनिक जरूरतों का करीब 1.2 गुना है जबकि कुछ अस्पतालों में औसतन 4-5 दिनों का स्टॉक है.

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ऑक्सीजन स्टॉक की स्थिति का सर्वे

केंद्र की टीमों की ओर से दिल्ली के प्रमुख अस्पतालों और रिफिल स्टेशनों में ऑक्सीजन स्टॉक की स्थिति का सर्वे किया गया. दिल्ली में 60 से अधिक बड़े अस्पतालों (जैसे सर गंगा राम, सफदरजंग, बत्रा, फोर्टिस शालीमार बाग, एम्स और फोर्टिस एस्कॉर्ट्स हार्ट इंस्टीट्यूट ओखला समेत अन्य अस्पताल) और 11 प्रमुख रिफिल स्टेशनों की स्थिति का आकलन किया गया.

जानते हैं कि प्रमुख अस्पतालों में ऑक्सीजन स्टॉक की स्थिति कैसी है.

5 मई से आज तक, अधिकारियों को ऑक्सीजन की कमी को लेकर एक भी शिकायत नहीं मिली है. सभी के पास ऑक्सीजन की उपलब्धता सामान्य स्टॉक से अधिक है और सिलेंडर के सभी रिफिलर भी पूरी तरह से स्टॉक किए जा चुके हैं. यह करीब 480/500 मीट्रिक टन (MT) की सप्लाई है.
 
अन्य राज्यों से भी बढ़ रही मांग

दिल्ली में ऑक्सीजन स्टॉक में वृद्धि के कारण अन्य राज्यों में भी ऐसी ही मांग बढ़ गई है. उत्तर भारत के राज्यों राजस्थान, उत्तराखंड, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्य भी ऑक्सीजन के उच्च आवंटन की मांग कर रहे हैं. 
 
अब दिल्ली सरकार को ऑक्सीजन के वितरण में तेजी लाने की जरूरत है. दिल्ली को अतिरिक्त आपूर्ति मिल रही है और अब उसके पास इसे स्टोर करने के लिए जगह नहीं है. यह देरी आने वाले टैंकरों को खाली करने में देरी की वजह से हो रही है.

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टैंकर्स और कंटेनर्स से 24 घंटे से अधिक समय तक ऑक्सीजन की निकासी हो रही है. वास्तव में, मुंद्रा से एक ऑक्सीजन कंटेनर को खाली होने में 54 घंटे लगे जब उसे केवल 8 घंटे तक का ही वक्त लगना चाहिए था. खास बात यह है कि दिल्ली सरकार अपनी जरूरतों, वितरण और खपत पर ऑडिट करने के लिए राजी नहीं है.

दिल्ली में उपयोग और डायवर्जन रिपोर्ट में अक्षमता दर्शाती है कि ऑक्सीजन का इस्तेमाल कालाबाजारी के लिए किया जा रहा है या दिल्ली सरकार द्वारा जमा किया जा रहा है. दिल्ली HC ने खाद्य और नागरिक आपूर्ति मंत्री इमरान हुसैन को होर्डिंग सिलेंडर के लिए नोटिस भी भेजा है.

दिल्ली में अस्पतालों + रिफिल स्टेशनों का सर्वेक्षण
 
दिनांक: 8 मई (सुबह 9 बजे)
 
अस्पताल: 62 (64)
वर्तमान स्टॉक: 328 मीट्रिक टन (320 मीट्रिक टन)
औसत दैनिक खपत: 287 एमटी
भंडारण क्षमता: 522 मीट्रिक टन
 
रिफिलर्स (11)
वर्तमान स्टॉक: 117 मीट्रिक टन (100 मीट्रिक टन)
औसत दैनिक खपत: 82 मीट्रिक टन
भंडारण क्षमता: 187 एमटी
 
कुल (अस्पताल + रिफिलर्स)
वर्तमान स्टॉक: 445 मीट्रिक टन (420 मीट्रिक टन)
औसत दैनिक खपत: 369 एमटी
भंडारण क्षमता: 709 एमटी


 

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