डेढ़ फीट ऊंचा कैश का ढेर, कोई हिसाब-किताब नहीं.... जस्टिस वर्मा के खिलाफ अब महाभियोग की सिफारिश

दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस यशवंत वर्मा अपने घर पर मिले कैश के बारे में स्पष्टीकरण नहीं दे पा रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट की जांच कमेटी की रिपोर्ट में उनके खिलाफ महाभियोग की सिफारिश की गई है. इससे पहले पूछताछ के दौरान कमेटी के सामने उन्होंने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था.

Advertisement
जस्टिस यशवंत वर्मा जस्टिस यशवंत वर्मा

सृष्टि ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 28 मई 2025,
  • अपडेटेड 6:32 PM IST

दिल्ली हाईकोर्ट के पूर्व जज जस्टिस यशवंत वर्मा के घर से बड़ी मात्रा में जले हुए कैश मिलने को लेकर बनी सुप्रीम कोर्ट की जांच समिति ने उनके खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए महाभियोग की सिफारिश की है. जांच रिपोर्ट में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि जस्टिस वर्मा कैश के सोर्स के बारे में कुछ ठोस स्पष्टीकरण नहीं दे पाए हैं.

Advertisement

जस्टिस वर्मा के घर पर 14 मार्च को आग लगने के बाद एक स्टोररूम में लगभग 1.5 फीट ऊंची कई थाक में आधे जले हुए नोट्स बिखरी पाए गए थे. यह कैश इतनी मात्रा में था कि उसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता था. जांच समिति ने पाया कि स्टोररूम पर सिर्फ जस्टिस वर्मा और उनके परिवार का ही नियंत्रण था, और कोई बाहरी शख्स वहां नहीं पहुंच सकता था.

यह भी पढ़ें: कैश कांड: जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ सरकार लाएगी महाभियोग प्रस्ताव?

जस्टिस वर्मा ने वाहियात कहकर आरोपों को नकारा

जस्टिस वर्मा ने वाहियात नकारात्मकता के साथ आरोपों को सिरे से खारिज कर साजिश की बात कही, लेकिन उनका जवाब मुनासिब नहीं पाया गया. जांच के मुताबिक, उनका स्टाफ कैश को स्टोररूम से हटाने में शामिल था. फोरेंसिक रिपोर्ट ने नकद की मौजूदगी की पुष्टि भी हुई. जस्टिस वर्मा से कमेटी ने पूछताछ के दौरान इस्तीफा देने की मांग की, लेकिन उन्होंने इस्तीफा देने से इनकार कर दिया था.

Advertisement

जब जस्टिस वर्मा के घर में लगी आग

अधिक जांच में यह भी सामने आया कि जस्टिस वर्मा के पीएस राजेंद्र सिंह कार्की ने उस रात जज को लगातार फोन किए और आग की घटना की जानकारी दी. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर किया है, लेकिन अभी तक उन्हें कोई कार्यभार नहीं दिया गया है.

यह भी पढ़ें: कैश कांड: जस्टिस यशवंत वर्मा की बढ़ेंगी मुश्किलें, मॉनसून सत्र में महाभियोग लाने की तैयारी में केंद्र सरकार!

दिल्ली पुलिस ने क्यों नहीं दर्ज की FIR?

दिल्ली पुलिस ने FIR न दर्ज करने की वजह बताते हुए कहा कि मौजूदा नियमों के तहत एक सक्रिय जज के खिलाफ FIR दर्ज करना संभव नहीं है. जांच समिति ने यह निष्कर्ष निकाला है कि जस्टिस वर्मा के खिलाफ आरोपों में पर्याप्त गंभीरता है जो उनके महाभियोग के लिए पर्याप्त है.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement