आयुष मंत्रालय ने की पतंजलि की आलोचना, एलोपैथिक दवा पर दिया था बयान

आयुष मंत्रालय ने एलोपैथिक दवाओं को लेकर पतंजलि के बयानों की आलोचना की है और कहा कि महामारी के दौरान पतंजलि को वायरस के इलाज के रूप में पेश करने के प्रति आगाह किया गया था. मंत्रालय का कहना है कि आयुष प्रणाली या एलोपैथिक चिकित्सा की सेवाओं का लाभ उठाना किसी व्यक्ति या स्वास्थ्य सेवा चाहने वाले की पसंद है.

Advertisement
आयुष मंत्रालय ने की पतंजलि की आलोचना. (फाइल फोटो) आयुष मंत्रालय ने की पतंजलि की आलोचना. (फाइल फोटो)

संजय शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 10 अप्रैल 2024,
  • अपडेटेड 10:32 AM IST

भ्रामक विज्ञापन मामले में सुप्रीम कोर्ट के सख्त आदेश और टिप्पणियों के बाद अब आयुष मंत्रालय ने एलोपैथिक दवाओं को लेकर पतंजलि के बयानों की आलोचना की है. केंद्र सरकार ने अपने हलफनामे के माध्यम से एकीकृत स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की पैरवी की है. उसमें इस बात पर जोर दिया गया है कि व्यक्तियों के पास आयुष या एलोपैथिक दवाओं का लाभ उठाने का भी विकल्प है.  

Advertisement

कोरोना काल में महामारी के दौरान पतंजलि की दवा कोरोनिल को वायरस के इलाज के रूप में पेश करने के प्रति आगाह किया गया था. और कहा कि जब तक आयुष मंत्रालय इसकी विधिवत जांच रिपोर्ट नहीं दे देता तब तक इसको प्रचारित नहीं किया जाना चाहिए. इसके बाद पतंजलि को मंत्रालय ने जरूरी परीक्षण करने के लिए कहा था.

व्यक्ति की पसंद है स्वास्थ्य सेवा का चुनाव

वहीं, आयुष मंत्रालय ने चिकित्सा की विभिन्न प्रणालियों के बीच आपसी सम्मान के महत्व पर भी प्रकाश डाला है. मंत्रालय का कहना है कि भारत सरकार की मौजूदा नीति एलोपैथी के साथ आयुष प्रणालियों के एकीकरण के साथ एकीकृत स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के एक मॉडल की वकालत करती है. आयुष प्रणाली या एलोपैथिक चिकित्सा की सेवाओं का लाभ उठाना किसी व्यक्ति या स्वास्थ्य सेवा चाहने वाले की पसंद है.

Advertisement

यह भी पढ़ें: भ्रामक विज्ञापन मामले में पतंजलि ने सुप्रीम कोर्ट से मांगी माफी, हलफनामा दायर कर कहा- हमें खेद है

पतंजलि को जारी किया नोटिस

कोरोनिल के संबंध में स्वास्थ्य मंत्रालय को विभिन्न अभ्यावेदन प्राप्त हुए, जिसके बाद पतंजलि को नोटिस जारी किया गया और कंपनी से अनुरोध किया गया था कि जब तक मंत्रालय द्वारा मामले की पूरी तरह से जांच नहीं कर ली जाती. तब तक वह COVID-19 के खिलाफ कोरोनिल की प्रभावकारिता के बारे में दावों का विज्ञापन न करे. सरकार अपने नागरिकों के समग्र स्वास्थ्य की बेहतरी के लिए प्रत्येक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली की ताकत का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करती है.

यह भी पढ़ें: पतंजलि भ्रामक विज्ञापन मामला: रामदेव और बालकृष्ण ने सुप्रीम कोर्ट में मांगी माफी

SC में व्यक्तिगत रूप से पेश होंगे बाबा रामदेव और बालकृष्ण

वहीं, आज सुप्रीम कोर्ट में व्यक्तिगत रूप पेश होने से पहले पतंजलि के एमडी आचार्य बालकृष्ण और बाबा रामदेव ने हलफनामा दायर कर बिना शर्त माफी मांग ली है. माफीनामे में रामदेव और बालकृष्ण ने कहा है कि वे आदेश का पूरी तरह से पालन करेंगे और न्याय की गरिमा को बरकरार रखेंगे. पतंजलि ने भ्रामक विज्ञापन को लेकर विस्तृत जवाब दाखिल किया है. रामदेव और आचार्य बालकृष्ण बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होंगे. दोनों को कारण बताओ नोटिस के संबंध में अदालत के सामने पेश होने के लिए कहा गया था.

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement