जनजातीय युवाओं के साथ अमित शाह की बातचीत, कई अहम मुद्दों पर हुई चर्चा

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में गृह मंत्रालय द्वारा चलाये जा रहे जनजातीय युवा एक्सचेंज कार्यक्रम (TYEP) के तहत जनजातीय युवाओं से संवाद किया. इसमें वामपंथी उग्रवाद से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों के अंदरूनी हिस्से से जनजातीय युवक और युवतियों को देशभर के प्रमुख शहरों और महानगरों के भ्रमण पर ले जाया जाता है.

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अमित शाह-फाइल फोटो अमित शाह-फाइल फोटो

जितेंद्र बहादुर सिंह

  • नई दिल्ली,
  • 18 अक्टूबर 2023,
  • अपडेटेड 9:04 PM IST

केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में गृह मंत्रालय द्वारा चलाये जा रहे जनजातीय युवा एक्सचेंज कार्यक्रम (TYEP) के तहत जनजातीय युवाओं से संवाद किया. इसमें वामपंथी उग्रवाद से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों के अंदरूनी हिस्से से जनजातीय युवक और युवतियों को देशभर के प्रमुख शहरों और महानगरों के भ्रमण पर ले जाया जाता है. पिछले 9 वर्षों, 2014-15 से 2022-23 तक 20,700 युवाओं ने इसमें भाग लिया और 2019-20 से 2022-23 तक पिछले 4 वर्षों में 10,200 युवाओं ने भाग लिया. इस वर्ष 5000 युवक और युवतियों भाग ले रहे हैं. 

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पहले हर साल 2000 प्रतिभागी इस कार्यक्रम में हिस्सा लेते थे, जिसे अगस्त 2019 के बढ़ाकर 4000 और 2022 में 5000 प्रतिभागी प्रति वर्ष कर दिया गया है. इस कार्यक्रम में संवैधानिक प्राधिकारियों, वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और खेल, उद्योग, कला आदि में असाधारण उपलब्धि हासिल करने वालों तथा अन्य रोल मॉडल्स को युवाओं के साथ संवाद के लिए आमंत्रित किया जाता है. 

जब ये युवा अपने मूल स्थान वापस लौटते हैं तब एक कार्यक्रम भी किया जाता है ताकि ये युवा अपने क्षेत्र के अन्य युवाओं और निवासियों के साथ अपने अनुभव साझा कर सकें. इस वर्ष TYEP के अंतर्गत 25 ग्रुप्स में युवाओं को देशभर के प्रमुख शहरों और महानगरों के भ्रमण पर ले जाया जा रहा है. 

प्रत्येक ग्रुप में वामपंथी उग्रवाद से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों के अंदरूनी हिस्से के 200 युवक और युवतियों होंगे. राजधानी दिल्ली में इस साल तीन ग्रुप आयेंगे. पहला ग्रुप 15-21 अक्टूबर तक दिल्ली का भ्रमण कर रहा है इसमें छत्तीसगढ़ के बीजापुर, सुकमा, बस्तर, दांतेवाड़ा, कांकेर, नारायणपुर व राजनंदगांव से 140 प्रतिभागी और मध्य प्रदेश के बालाघाट से 60 प्रतिभागी शामिल हैं. इन युवाओं को 18 अक्टूबर को केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह से मिलने का अवसर मिला.

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भारत सरकार ने 2014 से ही वामपंथी उग्रवाद के खिलाफ zero tolerance की नीति अपनाई है, केन्द्र सरकार की zero tolerance की नीति के परिणामस्वरूप 4 दशक में सबसे कम हिंसा और मृत्यु दर्ज की गई है. 2005 से 2014 के कालखंड के मुकाबले 2014 से 2023 के बीच वामपंथी उग्रवाद संबंधी हिंसा में 52 प्रतिशत से अधिक की कमी आई है, मृत्यु में 69, सुरक्षाबलों की मृत्यु में 72 और नागरिकों की मृत्यु में 68 प्रतिशत की कमी आई है. वामपंथी उग्रवाद-प्रभावित राज्यों में विकास को गति देने के लिए भारत सरकार कई कदम उठा रही है. सड़क निर्माण, दूरसंचार, वित्तीय समावेशन, कौशल विकास और शिक्षा जैसे क्षेत्रों पर खास ध्यान दिया जा रहा है.

केंद्र सरकार ने वामपंथी उग्रवाद से सबसे अधिक प्रभावित जिलों में विकास को गति देने के लिए Special Central Assistance (SCA) योजना के तहत 14000 से अधिक परियोजनाएं शुरू की हैं, इनमें से 80% से अधिक परियोजनाएं पूरी हो चुकी हैं. योजना के तहत वामपंथी उग्रवाद-प्रभावित राज्यों को 3296 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं. Fortified Police Stations के निर्माण, राज्य खुफिया शाखाओं और वामपंथी उग्रवाद-प्रभावित राज्यों के Special Forces को मजबूत करने के लिए 992 करोड़ रुपये की Special Infrastructure Scheme (SIS) परियोजनाएं मंजूर की गई हैं.भारत सरकार ने 9 वर्षों में Security Related Expenditure (SRE) को पहले की तुलना में लगभग दोगुना बढ़ाने का काम किया है.

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