डिजिटल अरेस्ट बुजुर्ग महिला का रेस्क्यू, बैंक मैनेजर की सतर्कता ने 33 लाख की धोखाधड़ी से बचाया

अहमदाबाद की एक बुजुर्ग महिला को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर लिया था. महिला से साइबर ठगों की तरफ से 33 लाख रुपये की मांग की जा रही थी. लेकिन बैंक मैनेजर और कर्मचारियों की सतर्कता ने महिला को ठगी से बचा लिया.

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साइबर ठगी से बची बुजुर्ग महिला. (Photo: Atul Tiwari/ITG) साइबर ठगी से बची बुजुर्ग महिला. (Photo: Atul Tiwari/ITG)

अतुल तिवारी

  • अहमदाबाद,
  • 14 दिसंबर 2025,
  • अपडेटेड 2:42 PM IST

अहमदाबाद की बुजुर्ग महिला को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट कर लिया था. लेकिन बैंक मैनेजर की सूझबूझ से महिला ठगी का शिकार होते-होते बच गई. डिजिटल अरेस्ट हुई बुजुर्ग महिला जब आरटीजीएस के माध्यम से 33.35 लाख रुपये ट्रांसफर करने पहुंची थी, उस समय बैंक मैनेजर और स्टाफ को आशंका हुई. जिसके बाद बैंक मैनेजर ने अहमदाबाद साइबर क्राइम ब्रांच को जानकारी दी और मौके पर पहुंची पुलिस ने महिला का रेस्क्यू कर लिया.

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दरअसल अहमदाबाद के मणिनगर में स्थित बैंक ऑफ़ बड़ौदा के बैंक मैनेजर अभिषेक सिंग व बैंक के अन्य अधिकारी राज परमार एंव प्रिस्का चौधरी द्वारा 10 दिसंबर के दिन साइबर क्राइम ब्रांच को जानकारी दी गई थी. जिसमें कहा गया था कि एक बुजुर्ग महिला अपनी तमाम फिक्स डिपॉजिट तुड़वा रही हैं. साथ ही बुजुर्ग महिला द्वारा आरटीजीएस द्वारा 33.35 लाख रुपए एक अन्य अकाउंट में जमा करने के लिए जल्दबाजी की जा रही है. 

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शुरू में क्राइम ब्रांच के अधिकारियों की भी बात नहीं मान रही थी महिला

बुजुर्ग डरी हुई लग रही है और उनका ह्वाट्सऐप कॉल भी लगातार चालू है. यह जानकारी मिलते ही साइबर क्राइम ब्रांच की टीम मणिनगर में स्थित बैंक ऑफ बड़ौदा की ब्रांच पर पहुंची और वृद्ध महिला की जरूरी मदद करके उन्हें ठगी से बचा लिया. अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के अधिकारियों को बुजुर्ग महिला के साथ बातचीत करने पर पता चला कि उनके फोन में किसी अज्ञात शख्स का व्हाट्सएप कॉल चालू था. 

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महिला डरी हुई थी, जिससे तुरंत ही पता चल गया कि बुजुर्ग महिला को डिजिटल अरेस्ट किया गया है. उसके बाद बुजुर्ग महिला का फोन चेक किए जाने पर व्हाट्सएप मैसेज और फोन में अलग-अलग नकली डॉक्यूमेंट पाए गए. इस पर बुजुर्ग महिला ने कहा कि उन्हें डिजिटल अरेस्ट करके व्हाट्सएप कॉल करने वाले शख्स ने यह डॉक्यूमेंट भेजे थे. इसके बाद साइबर क्राइम ब्रांच ने बुजुर्ग महिला को डिजिटल अरेस्ट के बारे में जानकारी दी और उनके साथ धोखाधड़ी की जा रही होने की बात बतायी. लेकिन बुजुर्ग महिला को समझाना आसान नहीं था. करीब तीन घंटे की मशक्कत के बाद बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट की बात समझ आई.

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मणिनगर में रहती है बुजुर्ग महिला

बुजुर्ग महिला अहमदाबाद के मणिनगर में रहती है. उनके पास कॉल करने के बाद अज्ञात शख्स ने कहा था कि उनके मोबाइल नंबर का इस्तेमाल संदिग्ध गतिविधि में किया जा रहा है. जिसको लेकर मुंबई क्राइम ब्रांच जांच करेगी. इतना कहने के बाद शख्स ने फोन मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी को ट्रांसफर किया. जिसके बाद कहा गया उनके आधारकार्ड नंबर से केनरा बैंक में अकाउंट खोला गया है. इस बैंक अकाउंट का इस्तेमाल नरेश गोयल जेट एयरवेज द्वारा किए गए स्कैम में हुआ है. 

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अज्ञात शख्स ने बुजुर्ग महिला को डराकर उनकी बैंकिंग डिटेल, फिक्स्ड डिपॉजिट के साथ एलआईसी पॉलिसी की डिटेल वेरीफाई करने के बहाने 33.35 लाख का आरटीजीएस आइसीआइसीआइ बैंक अकाउंट में जमा करने के लिए भेजा था. डिजिटल अरेस्ट से डरी हुई बुजुर्ग महिला ने अपनी सारी फिक्स डिपॉजिट विथड्रॉ करके मणिनगर में स्थित बैंक ऑफ़ बड़ौदा ब्रांच में 33.35 लाख रुपए अज्ञात शख्स द्वारा दिए गए आईसीआईसीआई के अकाउंट में जमा करने के लिए पहुंची थी. लेकिन बैंक के अधिकारी और कर्मचारियों को बुजुर्ग की बातचीत व हावभाव से शक हो गया था.

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