आम आदमी पार्टी (AAP) ने बुधवार को बीजेपी को निशाने पर लेते हुए यमुना किनारे हवन किया. आप विधायक संजीव झा, पूर्व विधायक अखिलेश त्रिपाठी और विनय मिश्रा ने कालिंदी कुंज स्थित छठ घाट पर हवन कर छठी मैया और भगवान सूर्य से भाजपा सरकार के कथित पापों को माफ करने की प्रार्थना की.
इस मौके पर आप के दिल्ली प्रदेश संयोजक सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और भाजपा सरकार ने पाप किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि दिल्ली के पूर्वांचल समाज से झूठ बोलकर सीवर के पानी से छठी मैया और सूर्य भगवान को अर्घ्य दिलवाया गया.
हवन के बाद बुराड़ी से विधायक संजीव झा ने कहा कि दो दिन पहले दिल्ली के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने खुद स्वीकार किया कि यमुना के पानी में जाना तो दूर, आचमन भी नहीं किया जा सकता. यह यमुना का पानी नहीं बल्कि सीवर का पानी है. उन्होंने कहा कि छठ पूजा पूर्वांचल वासियों की सबसे बड़ी आस्था का पर्व है, जो पूरी तरह साफ-सफाई से जुड़ा होता है, लेकिन इसी महापर्व के दौरान भाजपा नेताओं ने दावा किया था कि यमुना का पानी एकदम साफ है और लोग उसमें आचमन कर सकते हैं.
संजीव झा ने कहा कि भाजपा नेताओं ने लोगों को गुमराह कर सीवर के पानी से आचमन करवाया, जिससे छठ पूजा अशुद्ध हुई. उन्होंने यमुना की हालत को बेहद खराब बताते हुए कहा कि अक्टूबर में भाजपा के नेताओं ने यमुना किनारे आचमन और स्नान कर यह दावा किया था कि नदी साफ हो चुकी है, लेकिन अब वही पर्यावरण मंत्री लोगों को यमुना में नहाने से मना कर रहे हैं और बीमारियों की चेतावनी दे रहे हैं.
इस मौके पर पूर्व विधायक अखिलेश त्रिपाठी ने कहा कि तीन महीने पहले भाजपा सरकार ने हिंदू धर्म के महापर्व और पूर्वांचलियों की आस्था के प्रतीक छठ पूजा के दौरान लोगों को गंदे यमुना जल में अर्घ्य देने के लिए मजबूर किया. उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और भाजपा नेताओं ने खुद पानी पीकर और बोतल में भरकर दिखावा किया, जिससे श्रद्धालु भ्रम में पड़ गए. जिन लोगों ने उनके कहने पर व्रत और आचमन किया, उनका व्रत खंडित हुआ और इसके लिए भाजपा को पूर्वांचल वासियों से माफी मांगनी चाहिए.
पूर्व विधायक विनय मिश्रा ने इसे गंभीर और दुखद मुद्दा बताया. उन्होंने कहा कि छठ पूजा पूरी तरह शुद्धता और साफ-सफाई से जुड़ी होती है, लेकिन भाजपा के गलत प्रचार के कारण दिल्ली में लोगों की आस्था के साथ खिलवाड़ हुआ. उन्होंने आरोप लगाया कि छठ के समय मुख्यमंत्री, मंत्री और विधायक यमुना किनारे आकर लोगों से झूठ बोलते रहे कि नदी साफ है, जबकि बाद में खुद सरकार के मंत्री ने इसे सीवर का पानी बताया.
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