दिल्ली की राजनीति में आज शनिवार को उस समय एक अनोखा दृश्य देखने को मिला जब आम आदमी पार्टी (AAP) के नेता 'सांता क्लॉज' की वेशभूषा में कई लोगों को साथ लेकर अमर कॉलोनी पुलिस स्टेशन पहुंचे. माना जा रहा है कि यह कदम उस हालिया विवाद के जवाब में उठाया गया है जिसमें सांता क्लॉज के प्रतीक को लेकर धार्मिक भावनाएं आहत करने के आरोप प्रत्यारोप लग रहे हैं.
आम आदमी पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज की ओर से 27 दिसंबर को पुलिस को दी गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि 21 दिसंबर को अमृत पुरी (गढ़ी गांव) के बाजार में सांता कैप पहनी ईसाई महिलाओं और बच्चों के साथ कथित तौर पर बजरंग दल से जुड़े कुछ लोगों ने उन्हें घेरकर धार्मिक उत्पीड़न, धमकी, अभद्र भाषा और जबरन इलाके से खदेड़ने की कोशिश की.
शिकायत में कहा गया है कि यह पूरी घटना वीडियो में रिकॉर्ड हुई, जो सोशल मीडिया पर वायरल हुई, लेकिन पुलिस ने मौके पर पहुंचने के बावजूद FIR दर्ज नहीं की। इसमें आरोप लगाया गया कि इन लोगों ने 'अपने घर में मनाओ' जैसे नारे लगाए और उन पर धर्म परिवर्तन के झूठे आरोप मढ़े.
बीएनएस की धाराओं में कार्रवाई की मांग
सौरभ भारद्वाज ने मांग की है कि अमृत पुरी की घटना में शामिल अज्ञात लोगों और 'अभिषेक' नामक व्यक्ति के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 299, 302, 196 और 79 के तहत एफआईआर दर्ज की जाए. उनका तर्क है कि यह घटना धार्मिक सौहार्द बिगाड़ने की एक साजिश है.
कुछ दिन पहले AAP नेताओं पर दर्ज हुई थी FIR
बता दें कि इससे पहले दिल्ली पुलिस ने आम आदमी पार्टी नेता सौरभ भारद्वाज, बुराड़ी विधायक संजीव झा और आदिल अहमद खान के खिलाफ केस दर्ज किया था. यह केस एक महिला वकील की शिकायत के आधार पर दर्ज किया गया था. शिकायत में आरोप था कि सौरभ भारद्वाज समेत तीनों नेताओं ने सोशल मीडिया पर प्रदूषण पर एक वीडियो पोस्ट किया था, जिसमें एक 'सांता क्लॉज' को प्रदूषण के कारण गिरते हुए दिखाया गया था. सांता क्लॉज एक श्रद्धेय धार्मिक प्रतीक हैं और उन्हें इस तरह दिखाना ईसाई समुदाय का अपमान है.
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