दिल्ली में 20 विधायकों की गई सदस्यता, 13 राज्यों में संसदीय सचिव

संसदीय सचिव बनाने की फेहरिस्त में देश के 13 राज्य शामिल है. पर सदस्यता सिर्फ दिल्ली के विधायकों की गई है. बाकी राज्यों में विधायक ज्यों की त्यों बने हुए हैं.

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आप के वो 20 विधायक जिनकी सदस्यता रद्द हो गई आप के वो 20 विधायक जिनकी सदस्यता रद्द हो गई

कुबूल अहमद

  • नई दिल्ली,
  • 22 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 1:31 PM IST

दिल्ली में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को 'लाभ के पद' मामले में अयोग्य ठहराए जाने के बाद सभी की सदस्यता रद्द हो गई है. जबकि विधायकों को 'लाभ के पद' संसदीय सचिव बनाने का मामला सिर्फ दिल्ली में ही नहीं बल्कि इस फेहरिस्त में देश के 13 राज्य शामिल है. पर सदस्यता सिर्फ दिल्ली के विधायकों की गई है. बाकी राज्यों में विधायक ज्यों की त्यों बने हुए हैं.

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इस राज्य में नहीं गई सदस्यता

हरियाणा, तेलंगाना और पंजाब में हाई कोर्ट द्वारा विधायकों को संसदीय सचिव की नियुक्ति को अवैध ठहराए जाने के बाद भी उनकी सदस्यता नहीं गई है. हालांकि, हरियाणा की खट्टर सरकार ने 4 संसदीय सचिवों को उनके पद से हटा दिया है. पंजाब की पूर्व बादल सरकार के दौरान हाई कोर्ट ने 18 विधायकों को संसदीय सचिव बनाए जाने को असंवैधानिक ठहराया था. इसके अलावा 2016 में तेलंगाना के 6 विधायकों को संसदीय सचिव बनाए जाने को भी कोर्ट ने असंवैधानिक करार दिया है. इसके बाद विधायकों ने संसदीय सचिव पद से इस्तीफा दे दिया, पर उनकी सदस्यता नहीं गई.

इन राज्य में मामला कोर्ट में

पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के विधायकों को संसदीय सचिव बनाने का मामला अदालत में विचाराधीन है. पश्चिम बंगाल के 24 विधायकों को हाई कोर्ट ने अयोग्य ठहराया है. ये मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. वहीं कर्नाटक में 11 विधायकों को संसदीय सचिव बनाया गया है. इसके अलावा राजस्थान में 10 और छत्तीसगढ़ में 11 विधायकों के संसदीय सचिव बनाए जाने का मामला कोर्ट में है.

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इन राज्य में अभी भी संसदीय सचिव

अरुणाचल प्रदेश में 31 संसदीय सचिव नियुक्त हैं. पूर्वोत्तर के राज्य नगालैंड, मणिपुर और असम में लाभ के पद मामले को लेकर विवाद है. इतना ही नहीं मध्य प्रदेश में करीब 100 विधायकों पर लाभ के पद का आरोप लगाया गया है.

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