EC के फैसले पर AAP का वार, कहा- PM मोदी का कर्ज उतार रहे चुनाव आयुक्त

आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जिस लाभ के पद का आरोप लगाया जा रहा है, वैसा कुछ हुआ ही नहीं है. हमारे विधायकों ने सरकारी गाड़ी, सरकारी बंगला और तनख्वाह का फायदा नहीं लिया है.

Advertisement
फाइल फोटो फाइल फोटो

मोहित ग्रोवर / पंकज जैन

  • नई दिल्ली,
  • 19 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 9:54 PM IST

आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों को लाभ का पद के आरोप में चुनाव आयोग ने अयोग्य करार दिया है. आम आदमी पार्टी इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएगी. इससे इतर AAP ने इस फैसले पर मोदी सरकार और चुनाव आयोग को आड़े हाथों लिया. आप नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हमारे विधायकों ने किसी भी तरह का कोई फायदा नहीं उठाया है.

Advertisement

सौरभ भारद्वाज का चुनाव आयोग पर वार

आम आदमी पार्टी के नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा कि जिस लाभ के पद का आरोप लगाया जा रहा है, वैसा कुछ हुआ ही नहीं है. हमारे विधायकों ने सरकारी गाड़ी, सरकारी बंगला और तनख्वाह का फायदा नहीं लिया है. चुनाव आयोग ने इस मामले में हमारी बात नहीं सुनी है, किसी को भी विधायक को अपनी गवाही रखने का मौका नहीं दिया है.

सौरभ भारद्वाज ने कहा कि मुख्य चुनाव आयुक्त एके ज्योति ने गुजरात में पीएम मोदी के अंडर में काम किया है. अब वे पीएम मोदी का कर्ज चुका रहे हैं. 23 जनवरी को उनका जन्मदिन है और सोमवार को रिटायर हो रहे हैं. इसलिए जाने से पहले सभी काम को निपटाना चाहते हैं. सौरभ ने कहा कि सोमवार के बाद ना ही मोदी जी और ना ही ब्रह्मा जी एके ज्योति को मुख्य चुनाव आयुक्त के पद पर रख सकते हैं.

Advertisement

अयोग्य ठहराए गए केजरीवाल के 20 MLA! जानिए क्या है पूरा मामला

साबित हुए हैं आरोप: प्रशांत पटेल

इस मामले में शिकायत करने वाले प्रशांत पटेल ने कहा कि यह पूरी तरह से साफ है, इन 20 विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाएगी. उन्होंने कहा, "मैंने यह मामला 2015 में उठाया था, पूरे केस को देखने पर लगता है कि इन विधायकों की सदस्यता चली जाएगी. चुनाव आयोग अपना फैसला राष्ट्रपति के पास भेजेगा, जिस पर राष्ट्रपति अपनी मंजूरी देंगे."

उन्होंने आगे कहा, "आप विधायकों की सदस्यता बचने की कोई गुंजाइश नहीं है, क्योंकि खुद दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव ने आयोग को दिए अपने हलफनामा में माना है कि विधायकों को मंत्रियों की तरह सुविधा दी गई. दिल्ली में 7 विधायक मंत्री हो सकते हैं, लेकिन इन्होंने 28 बना दिए."

दूसरी ओर, केंद्र सरकार ने विधायकों को संसदीय सचिव बनाए जाने के फैसले का विरोध करते हुए दिल्ली हाईकोर्ट में आपत्ति जताई और कहा था कि दिल्ली में सिर्फ एक संसदीय सचिव हो सकता है, जो मुख्यमंत्री के पास होगा. इन विधायकों को यह पद देने का कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement