तीन साल की बेटी को पहाड़ी पर छोड़ आई महिला सरपंच, भूख-प्यास से तड़पकर तोड़ा दम, पति से हो गया था विवाद

छत्तीसगढ़ के मुंगेली (Mungeli) में महिला सरपंच अपनी तीन साल की बच्ची को घनघोर जंगल में छोड़कर आ गई. इससे मासूम बच्ची की भूख प्यास से तड़पकर मौत हो गई. काफी खोजबीन करने पर 4 दिन बाद बच्ची की लाश मिली है. पुलिस का कहना है कि महिला सरपंच का पति से विवाद हो गया था, इसी को लेकर उसने यह कदम उठाया. फिलहाल मामले की जांच की जा रही है.

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महिला सरपंच की 3 साल की बेटी अनुष्का. (File) महिला सरपंच की 3 साल की बेटी अनुष्का. (File)

aajtak.in

  • मुंगेली,
  • 11 मई 2024,
  • अपडेटेड 2:47 PM IST

छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले (Mungeli) में दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. यहां एक महिला सरपंच ने अपनी 3 साल की मासूम बच्ची को घनघोर जंगल में छोड़ दिया, जिससे भूख प्यास से तड़पकर बच्ची की मौत हो गई. पुलिस का कहना है कि घरेलू विवाद के बाद नाराज होकर महिला दो बच्चों को साथ लेकर निकली थी. वह शाम को वापस लौटी तो उसके साथ एक ही बच्चा था. काफी खोजबीन करने पर 4 दिन बाद बच्ची की लाश बरामद की गई.

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जानकारी के अनुसार, यह मामला मुंगेली जिले के लोरमी थाना क्षेत्र के खुड़िया चौकी में स्थित वन ग्राम पटपरहा का है. यहां की महिला सरपंच संगीता पंद्राम का अपने पति शिवराम पंद्राम से 6 मई को किसी बात को लेकर विवाद हो गया था.

इसके बाद महिला सरपंच अपने दो बच्चों को लेकर शाम को मायके जाने के लिए पैदल ही निकल गई. दोनों बच्चों में 3 साल की बेटी अनुष्का और एक साल का बेटा महिला के साथ था. महिला सरपंच का मायका तकरीबन 25 किलोमीटर दूर मध्यप्रदेश के डिंडोरी जिले के गोपालपुर में है. ये इलाका मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ की सीमा से लगा हुआ है.

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एसडीओपी माधुरी धीरही ने बताया कि दो बच्चों को लेकर निकली महिला सरपंच रात होने पर अपनी बच्ची को गांव से लगभग 5 किलोमीटर दूर मैलू पहाड़ी, जो टाइगर रिजर्व एरिया में है, वहां ऊपर छोड़कर लौट आई. यह बात महिला सरपंच ने अपने ससुराल में पड़ोसियों को बता दी कि वह अपनी बेटी को जंगल में ही छोड़कर वापस आ गई है.

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पड़ोसियों ने महिला सरपंच के पति को जानकारी दी. इसके बाद महिला सरपंच का पति शिवराम पंद्राम तुरंत अपने साथियों के साथ बच्ची को खोजने जंगल चला गया.

चार दिन बाद मिली बच्ची की लाश

घटना के दूसरे दिन सुबह बच्ची के पिता ने खुड़िया चौकी पहुंचकर घटना की जानकारी पुलिस को दी. इसके बाद खुड़िया पुलिस ने भी बच्ची की खोजबीन शुरू की. पुलिस ने जब महिला सरपंच से पूछताछ की तो वह ठीक से ये नहीं बता पा रही थी कि उसने बच्ची को जंगल के किस हिस्से में छोड़ा.

पुलिस के मुताबिक, 24 घंटे में जब बच्ची नहीं मिली तो पुलिस ने गुमशुदगी की कायमी कर कई टीमें लगाईं. इस दौरान 9 मई की रात बच्ची की लाश पहाड़ी के ऊपर उसी जगह पर मिली, जहां उसकी मां छोड़कर लौट गई थी. बच्ची के शव को बरामद करने के बाद पुलिस ने मर्ग कायम कर उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. शव परीक्षण में पुलिस ने पाया है कि बच्ची के शव में किसी तरह के जंगली जानवरों के निशान नहीं पाए गए है.

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रिपोर्टः सूमी राजप्पन/नीरज अग्रवाल

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