मध्य प्रदेश में संदिग्ध कफ सिरप के पीने से बच्चों की मौत के मामले सामने आने के बाद छत्तीसगढ़ सरकार भी अलर्ट मोड पर आ गई है. प्रदेश में दवाओं की दुकानों पर सैंपलिंग की जा रही है, ताकि किसी भी तरह की मिलावटी या खतरनाक दवा आम लोगों तक न पहुंच सके.
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने इस मुद्दे पर बयान देते हुए कहा कि फिलहाल प्रदेश में इस तरह के कोई मामले सामने नहीं आए हैं, लेकिन सरकार पूरी तरह सतर्क है. उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश में हुई घटना को गंभीरता से लिया जा रहा है और स्वास्थ्य विभाग को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं.
विजय शर्मा ने कहा कि दवा दुकानों और थोक विक्रेताओं पर सैंपलिंग का काम तेजी से किया जा रहा है. प्रयोगशालाओं में सैंपल की जांच की जा रही है, ताकि किसी भी तरह की गड़बड़ी का तुरंत पता लगाया जा सके. उन्होंने साफ किया कि फिलहाल छत्तीसगढ़ में संबंधित कफ सिरप की सप्लाई नहीं है.
यह भी पढ़ें: कफ सिरप से मरने वाले वालों का आंकड़ा बढ़ा... MP में अब तक 20 बच्चों की मौत, डिप्टी CM ने की पुष्टि
उन्होंने यह भी बताया कि केंद्र सरकार की अधिसूचना के मुताबिक दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप नहीं दिया जा रहा है. ऐसे मामलों पर सरकार की पूरी निगरानी है और बच्चों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है.
प्रदेश सरकार ने कहा कि अगर कहीं भी संदिग्ध दवा या मिलावटी कफ सिरप की बिक्री होती पाई जाती है, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. साथ ही स्वास्थ्य विभाग को लगातार दुकानों पर निगरानी रखने और लोगों को जागरूक करने के निर्देश दिए गए हैं.
हालांकि अभी तक छत्तीसगढ़ में कफ सिरप से मौत का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन मध्य प्रदेश में हुई घटनाओं ने लोगों के बीच चिंता जरूर बढ़ा दी है. सरकार का कहना है कि स्थिति पर पूरी नजर रखी जा रही है और किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
aajtak.in