छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में मुस्लिम संगठन, दावत-ए-इस्लामी को ज़मीन आवंटन के लिए छपे विज्ञापन पर विवाद खड़े होने के बाद जमीन आवंटन निरस्त कर दिया गया है.
पाकिस्तानी संगठन होने का आरोप
दरअसल, छत्तीसगढ़ के पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि छतीसगढ़ सरकार मुस्लिम संगठन दावत-ए-इस्लामी को 10 हेक्टेयर जमीन आवंटित करने जा रही है. बृजमोहन अग्रवाल ने आरोप लगाया था कि यह संगठन पाकिस्तान के कराची शहर का है.
पत्रकारों को संबोधित करते हुए, बृजमोहन अग्रवाल ने अखबार में छपे स्थानीय प्रशासन के उस विज्ञापन को भी सार्वजनिक किया, जिसमें दावत-ए-इस्लामी संगठन को जमीन आवंटन करने से पहले आपत्तियां मंगाई गई थीं. बृजमोहन अग्रवाल ने आरोप लगाया कि यह संगठन आतंकवादी गतिविधियों में शामिल रहा है, तो फिर छत्तीसगढ़ सरकार इसे जमीन आवंटित क्यों कर रही है.
कांग्रेस ने आरोपों को बेबुनियाद बताया
हालांकि, भाजपा नेता के इस आरोप के बाद कांग्रेस सामने आई और आरोपों को बेबुनियाद बताया. कांग्रेस नेता सुधीर आनंद शुक्ला ने दावा किया कि दावत-ए-इस्लामी संस्था छत्तीसगढ़ में पंजीकृत है, जिसका पंजीयन नंबर है 6328207012021038 है. संगठन ने दस हजार वर्गफीट जमीन के लिए आवेदन दिया है, इसलिए बृजमोहन अग्रवाल जो भी आरोप लगा रहे हैं वो सब बेकार हैं. सुधीर आनंद शुक्ला ने कहा कि बृजमोहन अग्रवाल को उन भाजपा शासित राज्यों से सवाल पूछना चाहिए, जहां इस संस्था के कार्यालय खुले हुए हैं.
विभाग ने जारी किया स्पष्टीकरण
मामले के तूल पकड़े जाने पर देर रात रायपुर स्थानीय प्रशासन ने इसपर स्पष्टीकरण जारी किया और बताया कि 'दावते इस्लामी छत्तीसगढ़ रायपुर का आवेदन एवं प्रकरण प्रारंभिक स्थिति में ही निरस्त और नस्तीबद्ध कर दिया गया है.
अनुविभागीय दंडाधिकारी रायपुर देवेंद्र पटेल ने बताया कि 'आवेदक संस्था दावते इस्लामी छत्तीसगढ़ रायपुर की ओर से सय्यद कलीम द्वारा सामुदायिक भवन के निर्माण हेतु ग्राम बोरियाखुर्द स्थित शासकीय भूमि खसरा नंबर में से 10 हेक्टेयर भूमि के आवंटन हेतु आवेदन पत्र कलेक्टरेट कार्यालय में 28/01/2021 को प्रस्तुत किया गया था.
आवेदन प्राप्त होने पर अत्तिरिक्त तहसीलदार द्वारा प्रारंभिक प्रक्रिया अंतर्गत इश्तिहार प्रकाशन हेतु ज्ञापन जारी किया गया. इश्तिहार प्रकाशन के उपरान्त आवेदक द्वारा अतिरिक्त तहसीलदार के न्यायालय में उपस्थित होकर अपना आवेदन ये कहकर वापस लिया कि त्रुटिवश उनके द्वारा रकबा 10 हेक्टेयर लिखा गया है, जबकि उन्हें केवल 10 हजार वर्गफुट की ही आवश्यकता है. उनके द्वारा आवेदन पत्र में खसरा नंबर भी गलत लिखा गया है. तत्पश्चात दिनांक 01/01/2022 को तहसीलदार न्यायलय द्वारा आवेदन पत्र निरस्त कर प्रकण नस्तीबद्ध कर दिया गया है'.
देवेंद्र पटेल ने बताया कि प्रकरण निरस्त करने के साथ ही विज्ञापन प्रकाशन में हुई गलती के लिए, प्रभारी अधिकारी भू आवंटन (कलेक्टरेट) और अत्तिरिक्त तहसीलदार को नोटिस भी जारी किया गया है.
रवीश पाल सिंह