छत्तीसगढ़: IPS रतन लाल डांगी मामले में नया मोड़, दरोगा की पत्नी बोली- यौन उत्पीड़न नहीं हुआ

महिला और वरिष्ठ IPS अधिकारी रतन लाल डांगी ने कैमरे के सामने बात करने से इनकार कर दिया. लेकिन ऑफ-कैमरा अपनी बात रखी. महिला ने किसी भी यौन उत्पीड़न की घटना से इनकार किया, जबकि आईपीएस डांगी ने इस पूरे विवाद को एक बड़ी साजिश करार दिया

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छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ IPS रतन लाल डांगी ने आरोपों को साजिश करार दिया है (File Photo- X) छत्तीसगढ़ के वरिष्ठ IPS रतन लाल डांगी ने आरोपों को साजिश करार दिया है (File Photo- X)

सुमी राजाप्पन

  • रायपुर,
  • 24 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 5:56 PM IST

छत्तीसगढ़ पुलिस में वरिष्ठ IPS अधिकारी रतन लाल डांगी विवाद के केंद्र में आ गए हैं. मामला तब सुर्खियों में आया जब एक महिला, जो कथित तौर पर एक सब-इंस्पेक्टर की पत्नी हैं, ने DGP को लिखित शिकायत सौंपते हुए डांगी पर गंभीर आरोप लगाए. हालांकि, अब इस मामले ने एक अप्रत्याशित मोड़ लिया है. दोनों पक्षों ने AajTak से कहा कि कोई यौन उत्पीड़न नहीं हुआ और दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ शिकायतें दर्ज करवाई हैं.

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इस एक्सक्लूसिव बातचीत में महिला और वरिष्ठ IPS अधिकारी रतन लाल डांगी ने कैमरे के सामने बात करने से इनकार कर दिया. लेकिन ऑफ-कैमरा अपनी बात रखी. महिला ने किसी भी यौन उत्पीड़न की घटना से इनकार किया, जबकि डांगी ने इस पूरे विवाद को एक बड़ी साजिश करार देते हुए कहा कि उनकी साफ सुथरी छवि को उच्च पदों पर संभावित नियुक्तियों के समय निशाना बनाया जा रहा है.

दरअसल, इस विवाद में शामिल वरिष्ठ IPS अधिकारी रतन लाल डांगी, 2003 बैच के हैं. उन्होंने कई रेंज में IG और कई जिलों में SP के रूप में सेवाएं दी हैं. महिला, जिसने अधिकारी के खिलाफ पहले यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया गया था, ने अब स्पष्ट किया कि ऐसा कोई मामला नहीं है. उसने कहा, “जांच पूरी होने के बाद मैं मीडिया के सामने स्पष्ट करूंगी कि कोई यौन उत्पीड़न नहीं हुआ.”

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जानकारी के अनुसार, महिला ने 16 अक्टूबर को डांगी के खिलाफ दुराचार का आरोप लगाते हुए DGP को लिखित शिकायत दी थी. वहीं, डांगी ने पहले ही 15 अक्टूबर को DGP के पास ब्लैकमेल और मानसिक उत्पीड़न का प्रतिवाद दर्ज कराया.

जानबूझकर गलत रिपोर्टिंग की गई: IPS डांगी

AajTak से ऑफ-कैमरा बातचीत में डांगी ने कहा, “महिला ने स्वयं स्पष्ट किया कि उन्होंने मुझ पर यौन उत्पीड़न का कोई आरोप नहीं लगाया. इसके बावजूद कुछ मीडिया संस्थानों ने इस मामले को गैर-जिम्मेदाराना तरीके से सनसनीखेज बनाया, जिससे मेरी छवि को ठेस पहुंची है. यह जानबूझकर की गई गलत रिपोर्टिंग प्रतीत होती है, जो मेरी प्रतिष्ठा और पेशेवर स्थिति को नुकसान पहुंचाने के लिए की गई है. इन झूठी रिपोर्टों ने मुझे और मेरे पूरे परिवार को मानसिक कष्ट दिया है. मेरी पत्नी इस बेसबुनियाद और मानहानिकारक कवरेज से गहरी परेशान हैं.”

रायपुर में कमिश्नर सिस्टम लागू होने से पहले विवाद

बता दें कि विवाद का समय पुलिस विभाग में चर्चा का विषय है, क्योंकि रायपुर में जल्द ही कमिश्नर सिस्टम लागू होने वाला है, और वरिष्ठ अधिकारियों को कुर्सियों और महत्वपूर्ण पदों के लिए परखा जा रहा है.

क्रॉस-शिकायतों के बाद, पुलिस मुख्यालय ने दो-सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है. समिति की अध्यक्षता IG आनंद छाबड़ा और IPS मिलना कुर्रे करेंगे. समिति अपनी रिपोर्ट DGP को जल्द सौंपेगी.

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पुलिस सूत्रों का कहना है कि यह मामला सिर्फ व्यक्तिगत विवाद नहीं हो सकता. इसमें आंतरिक प्रतिद्वंद्विता और नौकरशाही शक्ति संघर्ष भी शामिल हो सकते हैं, खासकर बड़े प्रशासनिक फेरबदल से पहले.

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