मायावती का हमला- BSP को कमजोर करना चाहती है कांग्रेस, इसलिए नहीं किया गठबंधन

यह पहला मौका है, जब मायावती ने छत्तीसगढ़ में किसी अन्य दल के साथ मंच साझा किया है. उन्होंने इस रैली के जरिए अपना चुनावी बिगुल फूंका. इस दौरान उन्होंने सत्तारूढ़ बीजेपी पर करारा हमला बोला. साथ ही कांग्रेस पर बीएसपी को कमजोर करने का आरोप लगाया.

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मायावती (फोटो-इंडिया टुडे आर्काइव) मायावती (फोटो-इंडिया टुडे आर्काइव)

कुबूल अहमद / वरुण शैलेश / राम कृष्ण

  • रायपुर/नई दिल्ली,
  • 13 अक्टूबर 2018,
  • अपडेटेड 5:13 PM IST

बहुजन समाज पार्टी (BSP) सुप्रीमो मायावती ने 13 अक्टूबर को छत्तीसगढ़ में अपना चुनावी बिगुल फूंक दिया. इस दौरान उन्होंने केंद्र और राज्य की सरकारों पर जमकर हमला बोला. उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र की मोदी सरकार और राज्य की रमन सरकार ने जनता से कई वादे किए, लेकिन उनको पूरा नहीं किया. इस दौरान मायावती ने कांग्रेस पर बीएसपी को कमजोर करने का आरोप लगाया.

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उन्होंने कहा कि हिंदी भाषी राज्यों में बीएसपी के बढ़ते जनाधार से कांग्रेस परेशान थी. वो बीएसपी को कमजोर करना चाहती थी और बहुत कम सीटें दे रही थी, जबकि हम सम्मानजनक सीट मांग रहे थे. इसी वजह से हमने कांग्रेस के साथ गठबंधन नहीं किया.

रैली को संबोधित करते हुए मायावती ने कहा कि छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है. अब गठबंधन के लोगों की यह कोशिश होनी चाहिए कि हमारे ज्यादा से ज्यादा प्रत्याशी चुनाव जीतकर आएं, ताकि यह गठबंधन अपने बलबूते बहुमत की सरकार बना सके. उन्होंने कहा कि सूबे में हमारी सरकार बनने पर दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों, गरीबों, मजदूरों और व्यापारियों का विकास होगा. साथ ही लोग स्वाभिमान के साथ जीवन जी सकेंगे.

उन्होंने कहा कि राज्य में विकास होगा, तो नक्सलवादी गतिविधियां में लगाम कसा जा सकेगा. नक्सली खुद रास्ते पर आ जाएंगे. आदिवासी और दलित विरोधी सरकार होने की वजह से नक्सली गतिविधियां बढ़ी हैं. इस दौरान मायावती ने नोटबंदी, कालाधन, राम मंदिर और मॉब लिंचिंग के मसले पर बीजेपी सरकार को जमकर कोसा. उन्होंने कहा कि चुनाव करीब आते ही बीजेपी राम मंदिर का मुद्दा उछालने लगती है. अब बीजेपी एक राम मंदिर नहीं, बल्कि चाहे जितने भी राम मंदिर बनवा ले, लेकिन उसको कोई चुनावी फायदा नहीं होगा.

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इस दौरान मायावती के साथ जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) प्रमुख अजीत जोगी भी मौजूद रहे. यह पहला मौका है, जब मायावती छत्तीसगढ़ में किसी अन्य दल के साथ मंच साझा किया है. बीएसपी ने अगले महीने छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनावों के लिए जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के साथ गठबंधन किया है.

चुनाव गठबंधन समझौते के मुताबिक 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए बसपा 35 सीटों पर चुनाव लड़ेगी, जबकि जेसीसीजे 55 सीटों पर चुनाव लड़ेगी. अजित जोगी को गठबंधन में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया गया है. बाजपेयी ने कहा, उनके (मायावती) दौरे के बाद 35 सीटों पर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा की जाएगी. माना जा रहा है कि यह गठबंधन छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव को खासा प्रभावित करेगा. कई विधानसभा क्षेत्रों में त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना मानी जा रही है.

दलित-आदिवासी गठजोड़

जातिगत समीकरण के लिहाज से देखा जाए, तो जोगी के पास जहां आदिवासी वोट की ताकत है, वहीं बसपा के पास दलित मतदाताओं का खासा समर्थन है. ऐसे में ये कांग्रेस को बसपा से अलग चुनाव लड़ने का खामियाजा भुगतना पड़ सकता है, इस बात की भी प्रबल आशंकाएं हैं. सियासी गलियारों में चर्चा ये भी है कि कांग्रेस को इस गठजोड़ से एक-डेढ़ दर्जन सीटों पर नुकसान पहुंचने की आशंका है.

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छत्तीसगढ़ से कांशीराम का सियासी आगाज

बीएसपी संस्थापक कांशीराम ने अपनी सियासी पारी का आगाज भी छत्तीसगढ़ से ही किया था. 1984 के आम चुनाव में कांशीराम ने जांजगीर लोकसभा सीट पर एक निर्दलीय के तौर पर चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में उन्हें सिर्फ 8.81 फीसदी वोट मिले था और उन्हें शिकस्त झेलनी पड़ी थी, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार प्रभात कुमार मिश्रा ने 58.61 फीसदी वोट पाते हुए जीत हासिल की थी.

एक नवंबर 2000 को मध्य प्रदेश से अलग होकर छत्तीसगढ़ ने नए राज्य के रूप में जन्म लिया. 2003 में हुए पहले राज्य विधानसभा चुनाव में बीएसपी ने 54 सीटों पर चुनाव लड़ा, जिनमें उसे सिर्फ 2 सीटों पर ही जीत हासिल हुई और महज 4.45 फीसदी वोट मिले. सिर्फ 54 सीटों की बात करें तो यहां बीएसपी को 6.11 फीसदी वोट प्राप्त हुए.

सूबे में दो चरणों में होंगे चुनाव

छत्तीसगढ़ में दो चरणों में मतदान होंगे. पहले चरण में 12 नवंबर और दूसरे चरण में 20 नवंबर को वोट डाले जाएंगे. इसके बाद 11 दिसंबर को नतीजे आएंगे. शनिवार को चुनाव आयोग ने छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर चुका है. पहले चरण के मतदान के लिए 16 अक्टूबर को चुनाव अधिसूचना जारी होगी. 23 अक्टूबर को नामांकन पत्र भरने की आखिरी तारीख है और 26 अक्टूबर तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे. इस चरण में 18 विधानसभा सीटों पर मतदान होगा.

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वहीं, दूसरे चरण के मतदान के लिए 26 अक्टूबर को चुनाव अधिसूचना जारी होगी. 2 नवंबर को नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख है, जबकि 5 नवंबर तक नामांकन वापस लिए जा सकेंगे. इस चरण में 72  विधानसभा सीटों पर 20 नवंबर को मतदान होगा. चुनाव में आधुनिक ईवीएम व वीवीपैट का इस्तेमाल किया जाएगा. साथ ही मतदान की वीडियोग्राफी भी कराई जाएगी.

छत्तीसगढ़ का सियासी समीकरण

छत्तीसगढ़ में कुल 90 विधानसभा सीटें हैं. 2013 में विधानसभा चुनाव बीजेपी को 49, कांग्रेस को 39, बसपा को 1 और अन्य को एक सीट मिली थी. रमन सिंह की अगुवाई में बीजेपी ने पिछले चुनाव में लगातार तीसरी बार कांग्रेस को मात देकर सरकार बनाई थी. छत्तीसगढ़ में कुल 27 जिले हैं. राज्य में कुल 51 सीटें सामान्य, 10 सीटें एससी और 29 सीटें एसटी के लिए आरक्षित हैं.

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