ट्रेन की जोरदार टक्कर, चीख-पुकार और रेस्क्यू... बचाव दल आने से पहले 6 लड़कों ने बचाई कईं जिंदगियां

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रेल हादसे में जहां 11 लोगों की दर्दनाक मौत हुई. वहीं ग्राम कटोरा के सात युवाओं ने अपनी जान की परवाह किए बिना घायल यात्रियों की मदद कर मानवता की मिसाल पेश की. सोनू बघेल और उसके साथियों ने दुर्घटना के तुरंत बाद मौके पर पहुंचकर फंसे यात्रियों को बाहर निकाला और गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल भेजने में अहम भूमिका निभाई. पूरे क्षेत्र में इन युवाओं की सराहना की जा रही है.

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बिलासपुर रेल हादसे में 'हीरो' बने गांव के लड़के (Photo: ITG) बिलासपुर रेल हादसे में 'हीरो' बने गांव के लड़के (Photo: ITG)

मनीष शरण

  • बिलासपुर ,
  • 05 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 12:42 PM IST

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर रेल हादसे में अब तक 11 लोगों की मौत की पुष्टी हुई है. बीते मंगलवार को गेवरा रोड-बिलासपुर मार्ग पर पैसेंजर ट्रेन (MEMU) खड़ी मालगाड़ी से टकरा गई थी, जिससे बड़ा हादसा हुआ था. इस दुर्घटना के बाद से अफरातफरी मच गई थी. सामने आई जानकारी के अनुसार इस हादसे के दौरान ग्राम गतौरा के युवाओं ने जो साहस और मानवता दिखाई, वह पूरे क्षेत्र के लिए प्रेरणास्रोत बन गया है. ग्राम कटोरा के सोनू बघेल, पिता बैसाखू बघेल, अपने दोस्तों कमलेश पात्रे, सोदान पात्रे, भैरव निषाद, जितेन्द्र गेन्डले और संतोष के साथ उस समय घटनास्थल पर पहुंचे. तब लोग हादसे की भयावहता से सहमे हुए थे.

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हादसे के तुरंत बाद पहुंचे ग्रामीण

इन सभी युवाओं ने ट्रेन को मालगाड़ी से टकराते होते ही दूर से ही देख लिया था. वे बिना देर किए मौके पर पहुंचे और घायलों की मदद शुरू कर दी. ट्रेन के डिब्बे क्षतिग्रस्त हो चुके थे, यात्री अंदर फंसे थे और चीख-पुकार मची हुई थी. इस स्थिति में सोनू बघेल और उनके साथियों ने अपनी जान की परवाह किए बिना यात्रियों को बाहर निकालना शुरू किया. जिनकी हालत गंभीर थी, उन्हें आसपास के वाहनों से अस्पताल भेजा गया.

मासूम बच्चे को बचाने की कोशिश

राहत कार्य के दौरान उन्हें एक दो साल का मासूम बच्चा मिला जो मलबे में फंसा था. बच्चे के पेट में लोहे का बड़ा टुकड़ा धंसा हुआ था. सोनू बघेल और उनके दोस्तों ने मिलकर उसे बाहर निकालने की कोशिश की, लेकिन बिना उपकरणों के यह संभव नहीं हो पाया. बाद में जब बचाव दल मौके पर पहुंचा, तो उन्होंने बच्चे को बाहर निकाला, पर उसकी स्थिति बेहद नाजुक थी.

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सोशल मीडिया बना मदद का जरिया

घायलों की पहचान और उनके परिजनों तक जानकारी पहुंचाने के लिए इन युवाओं ने अपने मोबाइल से फोटो और वीडियो सोशल मीडिया पर साझा किए. उनकी इस कोशिश से कई परिवारों को अपने परिजनों की जानकारी मिली और अस्पतालों में उपचार के लिए मदद भी तेजी से पहुंची.

'रियल हीरो' कहलाए कटोरा के युवा

रेलवे और प्रशासनिक टीम को घटनास्थल तक पहुंचने में समय लगा, लेकिन तब तक सोनू बघेल, कमलेश पात्रे, सोदान पात्रे, भैरव निषाद, जितेन्द्र गेन्डले और संतोष ने मिलकर कई जिंदगियां बचा लीं. स्थानीय लोगों और अधिकारियों ने इन सभी युवाओं के साहस की जमकर सराहना की है. ग्राम कटोरा के ये सातों साथी आज बिलासपुर रेल हादसे के 'असली हीरो' बन गए हैं, जिन्होंने विपत्ति की घड़ी में निस्वार्थ भाव से मानवता की सच्ची मिसाल पेश की.

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